कहानी : भिटौली यानी मां उदास है
भिटौली का महीना शुरू हो चुका था. अगल-बगल की महिलाओं की भिटौली पहुँचने लगी थी. कागज की पुड़िया में मिठाई-बतासे आने लगे थे. मुझे भी अपनी बहनों को भिटौली देने के लिए जाना था. मां ने महीना शुरू... Read more
काली कुमाऊँ का शेरदा
पिछले कुछ दिनों जैसा उदास और रूखा-सूखा दिन था. बारिश न होने के कारण मौसम खुश्क हो चला था. जनवरी का महीना ढलान पर था, लेकिन अभी से धूप में बैठना मुश्किल होता जा रहा था. मौसम की इस बेरुखी ने ल... Read more
कहानी: भागने वाली लड़कियां
लड़कियों के लिए सड़क की ओर की चढ़ाई चढ़ना किसी यातना से गुजरने जैसा रहा. खड़ी चढ़ाई उनके ही नहीं अच्छे-अच्छों के होश ठिकाने लगा देती थी. दोनों किसी से मिले तथा कुछ कहे बगैर चुपचाप गांव से चल... Read more
कोई जगह किसी का इंतजार नहीं करती ?
कुछ स्मृतियां इस तरह की होती हैं कि आपका पीछा नहीं छोड़ती. सोते-जागते, उठते-बैठते आपको परेशान करते रहती है. आप उनसे मुक्त होना चाहते हैं, मगर मुक्त होने की कोई सूरत नजर नहीं आती. सतवारी की या... Read more
दूसरे की थाली पर नजर रखने वाले
कुछ लोग होते हैं, जो अपनी क्षमता तथा सामर्थ्य के अनुसार अपने जीवन की बेहतरी की कोशिश करते हैं. इसमें कुछ कामयाब होते हैं. कुछ कामयाब नहीं होते. कुछ होते हैं, जिन्हें जो मिलता है, उसे खुशी-खु... Read more
डरने वाले भाई साहब
भाई साहब डरने वाले व्यक्ति हैं. उनके डर कई प्रकार के हैं. वे सुबह उठते समय आने वाले दिन की चुनौतियों के बारे में सोचकर डरते हैं. घर से काम को निकलते हुए सफर को लेकर डरते हैं. काम खराब न हो ज... Read more
पढ़ाई से महत्वपूर्ण होती सूचना
एक समय था, जब पढ़ती हुई क्लास तथा पढ़ाते हुए शिक्षक को बड़े सम्मान से देखा जाता था. कोई व्यक्ति चाहे बड़ा हो या छोटा सीधे कक्षा में प्रवेश नहीं करता था. न्यू छंगामल कॉलेज में अब दृश्य बदल चुका ह... Read more
उनका भाषण प्रेम
वे न्यू छंगामल इंटर कालेज के प्रिंसिपल थे.वही राग दरबारी जैसा छंगामल इंटर कालेज. उसी की तरह मैनेजमेंट का विद्यालय. उसी तरह सोर्स और पैसों से वे कभी इस विद्यालय में अवतरित हुए.आप सोच रहे होंग... Read more
भाई साहब की बहुमुखी प्रतिभा
भाई साहब एक साथ कई प्रतिभाओं के मालिक हैं यानी बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं. भाई साहब मौके के हिसाब से गा सकते हैं, नाच सकते हैं, अभिनय कर सकते हैं. जीवन का कौन सा क्षेत्र है, जहां भाई साहब की... Read more
चलने के भ्रम के साथ चलते भाई साहब
मनुष्य जिंदा होगा तो चलेगा-फिरेगा. चलेगा तभी अपने तथा दूसरों के लिए कुछ अच्छा कर सकेगा. चलने के लिए अच्छा रास्ता चाहिए. अच्छा का मतलब यह नहीं कि रास्ता सुविधा पूर्ण हो. रास्ता मुश्किलों से भ... Read more