हम मारे जाएंगे अगर नहीं रचेंगे देवताओं को, हम मारे जाएंगे अगर हम उनकी हत्या नहीं करेंगे
अदूनिस – विडंबनाओं और पराकाष्ठाओं के कवि सीरिया में १९३० में जन्मे सीरियाई – लेबनानी मूल के कवि, साहित्यालोचक, अनुवादक, और सम्पादक अदूनिस (मूल नाम अली अहमद सईद) अरबी साहित्य और कविता क... Read more
पिछली सदी के महानतम कवियों में शुमार महमूद दरवेश ने, अपनी मृत्यु से एक साल पहले दिये गए एक साक्षात्कार में किसी पत्रकार के एक सवाल के जवाब में कहा था: “जब उम्मीद न भी हो, हमारा फ़र्ज़ बन... Read more
विष्णु खरे: बिगाड़ के डर से ईमान का सौदा नहीं किया
विष्णु जी नहीं रहे. हिंदी साहित्य संसार ने एक ऐसा बौद्धिक खो दिया, जिसने ‘बिगाड़ के डर से ईमान’ की बात कहने से कभी भी परहेज़ नहीं किया. झूठ के घटाटोप से घिरी हमारी दुनिया में ऐसे लोग बहुत कम... Read more
लेट्स गो डच – अंग्रेज़ी भाषा का एक पहलू ये भी
कॉक्नी लन्दन के कामगारों की विचित्र लेकिन कल्ट बन चुकी भाषा है. इतिहास की दृष्टि से आमतौर पर मज़दूरों के साथ जोड़ कर देखा जाने वाला अंग्रेज़ी का यह संस्करण कहीं न कहीं पिछले सौ-पचासेक सालों... Read more
नहीं रहे विष्णु खरे
[हिन्दी के वरिष्ठ कवि और प्रतिष्ठित सम्पादक-अनुवादक विष्णु खरे का आज निधन हो गया. अनेक भाषाओं के ज्ञाता और संगीत-सिनेमा के विशेषज्ञ विष्णु जी अपनी तरह के इकलौते साहित्यकार थे जिनकी सोच और र... Read more
मेरा दिल खोजता है उसे और वह नहीं है मेरे पास
बीसवीं सदी के सबसे बड़े कवियों में शुमार किये जाने वाले पाब्लो नेरूदा का पहला काव्य संग्रह था ‘वेइन्ते पोएमास दे आमोर ई ऊना कान्सीयोन देसएस्पेरादा’ (बीस प्रेम कविताएं और हताशा का... Read more
सन 2008 में प्रकाशित चर्चित उपन्यास ‘दावानल’ मैं कई बार पढ़ चुका हूँ. इसे पढ़ने में हर बार एक नया अहसास होता है. पहाड़ की सुंदरता दिखाने वाले वीडियोज हम हर तरफ देखते रहते हैं, रंगीन... Read more
कामसूत्र से कुछ सबक
कामसूत्र से कुछ सबक – महमूद दरवेश आसमानी प्याले के साथ उसका इन्तज़ार करो ख़ुशबूदार ग़ुलाबों के बीच वसन्त की शाम उसका इन्तज़ार करो पहाड़ चढ़ने का प्रशिक्षण पाए घोड़े के धैर्य के साथ उसका इन्तज़... Read more
मॉल चलो भई मॉल चलो: नए बखत का शहरी गाना
चिंटू –चिन्नी, पापा –मम्मी साथ में उनके बाबा–ईजा तोंद–पोंद से लटक रहे थे जाने कितने बर्गर–पीजा हफ्ते भर की भूख मिटाने और टापने छूट का माल महँगी सी गाड़ी में ठुंस के आ पहुँचे थे शॉपिंग मॉल ऑडी... Read more
शैलेश मटियानी एक लेखक का नाम है
विधाता जब किसी को भरपूर प्रतिभा देता है तो उसके साथ ऐसी विसंगतियाँ भी जोड़ देता है कि उसके लिए जीना दूभर हो जाता है. इस विसंगति के चक्रव्यूह से वही निकल पाते हैं जिनमें संघर्ष करने की अपार क... Read more