काफल ट्री के नियमित सहयोगी चंद्रशेखर तिवारी ने ‘उत्तराखण्ड होली के लोक रंग’ नाम से एक महत्वपूर्ण पुस्तक का सम्पादन किया है. समय साक्ष्य प्रकाशन द्वारा प्रकाशित इस पुस्तक का प्रार... Read more
बम का व्यास
इजराइल के कवि येहूदा आमीखाई (Yehuda Amichai 1900-2000) बीसवीं शताब्दी के सबसे चर्चित लेखकों में रहे. युद्ध की विभीषिका और ठोस ऐन्द्रिक प्रेम उनकी कविताओं के मुख्य विषय थे. अपने देश में उनकी... Read more
धरती मिट्टी का ढेर नहीं है अबे गधे
वीरेन डंगवाल (Viren Dangwal) के बारे में मशहूर कवि/सम्पादक/आलोचक विष्णु खरे ने लिखा था: “लेकिन इससे बड़ी ग़लती कोई नहीं हो सकती कि हम वीरेन डंगवाल को सिर्फ कवियों, कलाकारों और मित्रों का... Read more
साझा कलम : फालतू पुराण
“आ गए अच्छे दिन? आज तो पलंग के नीचे से निकालकर ड्राइंग रूम तक आ गए, क्या बात है !”- जॉन लैपटॉप ने क्रिकेट बैट गुड्डू को ताना मारते हुए बोला. गुड्डू ने कुछ जवाब नहीं दिया, सिर्फ ह... Read more
पिंटी का साबुन: संजय खाती की अविस्मरणीय कहानी
कथाकार संजय खाती का जन्म 1962 ई. में अल्मोड़ा में हुआ. कथा लेखन के साथ-साथ पत्रकारिता में निरंतर सक्रिय हैं. अभी हिन्दी के एक प्रमुख दैनिक के सम्पादकीय विभाग में कार्यरत हैं. दो कहानी संग्रह... Read more
अपने को और मीठा और चिपचिपा बना रहा है नैनीताल
उत्तराखण्ड के अल्मोड़ा जिले के सदीगाँव में दिसंबर 1952 में जन्मे हरीशचन्द्र पाण्डे (Harish Chandra Pande) आजीविका के लिए भारतीय लेखा विभाग के महालेखाकार कार्यालय, इलाहाबाद में कार्य करते रहे.... Read more
वो शिखर पर जो गाँव है, वही काफलीधार है. किसने रखा होगा यह नाम? सोचती है लछिमा – कैसा है यह नाम? ‘काफल वाली धार!’ लेकिन सिर्फ काफल तो होता नहीं वहां. काफल के अलावा बुरुंश ह... Read more
जीवनानन्द दास की बनलता सेन
अनेक आलोचकों का ठोस यकीन है कि जीवनानन्द दास (Jibanananda Das) बांग्ला कविता के शीर्षस्थ कवि हैं – किसी भी कालखण्ड के. ठाकुर रवीन्द्र से भी बड़े और सुकान्त भट्टाचार्य से भी. उन्हें उनकी... Read more
सुमित्रानंदन पन्त की भारत माता
20 मई 1900 को उत्तराखण्ड के अल्मोड़ा जिले के कौसानी नामक स्थान में जन्मे सुमित्रानंदन पन्त (Sumitra Nandan Pant) हिन्दी कविता में छायावाद के मजबूत स्तम्भ माने जाते हैं. उनकी प्रमुख कृतियों मे... Read more
अंग्रेजों के ज़माने का पटवारी हुआ गुमानसिंह
जीवन भर हल्द्वानी (Haldwani) में रहे स्व. आनन्द बल्लभ उप्रेती (Anand Ballabh Upreti) राज्य के वरिष्ठतम पत्रकार-लेखकों में थे. हल्द्वानी से निकलने वाले साप्ताहिक ‘पिघलता हिमालय’ अ... Read more