बौनों से भरे साहित्य-संसार दुनिया में विष्णु खरे एक गुलीवर थे : पुण्यतिथि विशेष
19 सितम्बर 2018 के दिन अशोक पांडे की फेसबुक वाल से : अलविदा विष्णु खरे – 1 जबरदस्त कवि, बड़े सम्पादक, सिनेमा और संगीत के अध्येता, गंभीर पाठक, भाषाओं और यारों के धनी उस आदमी की महाप्रतिभा का... Read more
जब डाकुओं ने काका हाथरसी को कविता सुनाने के सौ रुपये दिये : जन्मदिवस विशेष
यह गजब का संयोग रहा कि 18 सितम्बर को जन्मे काका हाथरसी की मृत्यु भी 18 सितम्बर को ही हुई. काका हाथरसी का जन्म 18 सितंबर 1906 को शिव कुमार गर्ग के घर में हाथरस में हुआ था लेकिन पिता की कम उम्... Read more
आज दुनिया भर में मनाया जाता है रोआल्ड डाल दिवस
बीसवीं सदी में सबसे ज़्यादा पढ़े गए लेखकों में शुमार रोआल्ड डाल ने उपन्यास लिखे, बच्चों के लिए किताबें लिखीं और सबसे महत्वपूर्ण यह कि एक से एक अविस्मरणीय कहानियां लिखीं. (Today is Roald Dahl... Read more
पितृपक्ष: वीरेन डंगवाल की कविता
पितृपक्ष -वीरेन डंगवालमैं आके नहीं बैठूंगा कौवा बनकर तुम्हारे छज्जे परपूड़ी और मीठे कद्दू की सब्ज़ी के लालच मेंटेरूँगा नहीं तुम्हेंन कुत्ता बनकर आऊँगा तुम्हारे द्वाररास्ते की ठिठकी हुई गायक... Read more
ग्यारह सितंबर का एक फोटोग्राफ़
ग्यारह सितम्बर का एक फ़ोटोग्राफ़वे कूद रहे थे जलती मंजिलों सेएकदोकुछेक और- कुछ ऊपर थे, कुछ नीचेएक फोटोग्राफ़र ने उन्हें दर्ज़ कर लिया हैजब वे जीवित थेधरती के ऊपरधरती तक पहुँचते हुए -हर आदमी सा... Read more
गिरीश तिवारी ‘गिर्दा’ की कविता: जहाँ न पटरी माथा फोड़े, ऐसा हो स्कूल हमारा
जहाँ न बस्ता कंधा तोड़े, ऐसा हो स्कूल हमाराजहाँ न पटरी माथा फोड़े, ऐसा हो स्कूल हमारा जहाँ न अक्षर कान उखाड़ें, ऐसा हो स्कूल हमाराजहाँ न भाषा जख़्म उभारे, ऐसा हो स्कूल हमारा जहाँ अंक सच-सच ब... Read more
क्योंकि ऐसा बस नफ़रत ही कर सकती है
नफ़रत –विस्वावा शिम्बोर्स्का देखो कितनी सक्षम है यह अब भीबनाए हुए अपने आप को चाक-चौबन्द –हमारी शताब्दी की नफ़रत. किस आसानी से कूद जाती है यहसबसे ऊंची बाधाओं के परे.किस तेज़ी से दब... Read more
सबकी ज़रूरत का नमक वह अकेला ही क्यों ढोए
समुद्र पर हो रही है बारिश –नरेश सक्सेना क्या करे समुद्रक्या करे इतने सारे नमक का कितनी नदियाँ आईं और कहाँ खो गईंक्या पताकितनी भाप बनाकर उड़ा दींइसका भी कोई हिसाब उसके पास नहींफिर भी सं... Read more
आज अमृता प्रीतम का जन्मदिन है. 31 अगस्त, 1919 को पंजाब के गुजरांवाला अमृता प्रीतम का जन्म हुआ. पंजाबी की ख्यात लेखिका होने के बावजूद वे सारे हिन्दुस्तान की लेखिका मानी जाती हैं. उन्होंने अपन... Read more
शैलेश मटियानी लिख चुके थे अपने पागलपन का रोजनामचा
शैलेश मटियानी को हममें से कितने लोग जानते हैं? सौ, दो सौ, चार सौ या हजार-दो हजार. यही न? कुछ ने सिर्फ नाम सुना होगा या एकाध कहानी पढ़ी होगी. आज से तीस-पैंतीस साल या थोड़ा और पहले पढ़ाई-लिखाई... Read more