कहानी : मोतिया
चीड़ के पेड़ कब के पीछे छूट गये थे और अब तो ठंडी हवा और सर्पीली सड़क भी गुम हो गई. जानवरों के रेवड़ के साथ मोतिया भी घिसटता हुआ आगे बढ़ रहा था. हांकने वाले निर्दयी के डंडे की मार खाता हुआ मो... Read more
प्रेमचंद की कहानी ‘सुहाग की साड़ी’
यह कहना भूल है कि दाम्पत्य-सुख के लिए स्त्री-पुरुष के स्वभाव में मेल होना आवश्यक है. श्रीमती गौरा और श्रीमान् कुँवर रतनसिंह में कोई बात न मिलती थी. गौरा उदार थी, रतनसिंह कौड़ी-कौड़ी को दाँतो... Read more
गर्जना और विद्युत की कहानी
बहुत समय पहले गर्जना (बादलों की आवाज़) और विद्युत (आकाशीय बिजली) बाक़ी सभी लोगों के साथ धरती पर ही रहा करते थे लेकिन राजा ने उन्हें लोगों के घरों से बहुत दूर शहर के दूसरे छोर पर रहने को विवश... Read more
पीहू एक बहुत ही सुलझी हुई, समझदार, खूबसूरत और होशियार बच्ची थी और अपने माता-पिता की इकलौती सन्तान भी. बचपन से ही पीहू पढ़ाई में अव्वल थी. पढ़ाई के साथ साथ माँ का काम में हाथ बंटाना, पापा के... Read more
बारिश: एक नौजवान के ना-मुकम्मल इश्क़ की दास्तान
मूसलाधार बारिश हो रही थी और वो अपने कमरे में बैठा जल-थल देख रहा था. बाहर बहुत बड़ा लॉन था, जिसमें दो दरख़्त थे. उनके सब्ज़ पत्ते बारिश में नहा रहे थे. उसको महसूस हुआ कि वो पानी की इस यूरिश स... Read more
कृष्णा सोबती की कहानी ‘सिक्का बदल गया’
खद्दर की चादर ओढ़े, हाथ में माला लिए शाहनी जब दरिया के किनारे पहुंची तो पौ फट रही थी. दूर-दूर आसमान के परदे पर लालिमा फैलती जा रही थी. शाहनी ने कपड़े उतारकर एक ओर रक्खे और ‘श्रीराम, श्... Read more
हार: एक अबूझ रिश्ते की कहानी
ऑफिस से घर पहुँच कर दरवाजा खोलते ही वैवाहिक निमंत्रण कार्ड पड़ा मिला. पते की लिखावट वह एकदम से पहचान गया. नीलू ओह! तो नीलू की लड़की की शादी का निमंत्रण पत्र है. बहुत देर तक दीवान पर पसर कर स... Read more
महेश चंद्र पुनेठा की किताब ‘अब पहुँची हो तुम’
एक कविता संग्रह में सामान्यत: अलग-अलग थीम्स पर कविताएं लिखी जाती हैं. क्या अलग-अलग थीम पर लिखी गई कविताओं में कोई समानता हो सकती है? उत्तराखंड के सुदूर पहाड़ी ज़िले पिथौरागढ़ से शिक्षा समानत... Read more
साधो, बीता साल गुज़र गया और नया साल शुरू हो गया. नए साल के शुरू में शुभकामना देने की परंपरा है. मैं तुम्हें शुभकामना देने में हिचकता हूँ. बात यह है साधो कि कोई शुभकामना अब कारगर नहीं होती. म... Read more
लोक कथा : चाँद और सूरज आसमान में क्यों रहते हैं?
कई बरस पहले पानी और सूरज बहुत अच्छे दोस्त थे और दोनों ही धरती पर एक साथ रहा करते थे. सूरज अक्सर पानी से मुलाक़ात करने उसके घर ज़ाया करता लेकिन पानी कभी भी सूरज के घर उससे मिलने नहीं गया. आख़... Read more