ढलान : नवीन कुमार नैथानी की कहानी
नदी तक पहुँचने की हड़बड़ाहट में उन्होंने गलत पगडंडी पकड़ ली. यह संकरा रास्ता था और ढलान तेज थी. वे अगल-बगल नहीं चल सकते थे. उन्हें आगे-पीछे होना पड़ा. लड़का आगे निकल गया और लड़की पीछे रह गयी... Read more
जाखन : नवीन कुमार नैथानी की कहानी
जाखन नाम की वह नदी सौरी के लोगों को सपनों में बहती हुई दिखाई पड़ती थी. उनके सपनों के बाहर जाखन एक पथरीले रपाट के रूप में सौरी के दक्षिणी ढलानों पर ठिठके साल-वृक्षों की अनमनी पुकार को अनसुना... Read more
पंच परमेश्वर: मुंशी प्रेमचंद की कहानी
जुम्मन शेख़ और अलगू चौधरी में गाढ़ी मित्रता थी. साझे में खेती होती थी. कुछ लेन-देन में भी साझा था. एक को दूसरे पर अटल विश्वास था. जुम्मन जब हज करने गए थे, तब अपना घर अलगू को सौंप गए थे, और अ... Read more
परदा : यशपाल की कहानी
चौधरी पीरबख़्श के दादा चुंगी के महकमे में दारोग़ा थे. आमदनी अच्छी थी. एक छोटा, पर पक्का मकान भी उन्होंने बनवा लिया. लड़कों को पूरी तालीम दी. दोनों लड़के एंट्रेंस पास कर रेलवे में और डाकख़ाने... Read more
इलाचन्द्र जोशी की कहानी ‘रेल की रात’
गाड़ी आने के समय से बहुत पहले ही महेंद्र स्टेशन पर जा पहुँचा था. गाड़ी के पहुँचने का ठीक समय मालूम न हो, यह बात नहीं कही जा सकती. जिस छोटे शहर में वह आया हुआ था, वहाँ से जल्दी भागने के लिए व... Read more
हिमांशु जोशी की कहानी ‘भगवान नहीं हैं’
भगवान नहीं है पावरोटी ! हां-हां पावरोटी चुराई थी उसने. सुना भाग रहा था. भागेगा नहीं तो क्या चोरी कर के वहीं खड़े रहेगा. कहेगा मुझे गिरफ्तार कर लो. नहीं, मैंने अपनी आँखों से देखा. भागता नहीं... Read more
दुनिया में सबसे पहले धान खेती किसने की इस सवाल के हज़ारों जवाब मिलते हैं. इतिहास, विज्ञान, लोकमान्यताओं का ढेर है जो बताता है कि दुनिया में सबसे पहले किसने धान की खेती की. विज्ञान के पास अपन... Read more
‘अभागी पत्नी’ कुमाऊनी लोककथा
एक गांव में एक व्यापारी अपनी दो पत्नियों के साथ रहता था. दोनों पत्नियाँ आपस में खूब झगड़ा करती थी क्योंकि आदमी अपनी दूसरी पत्नी को ज्यादा प्यार करता तो हमेशा उसी का साथ देता. एकबार व्यापारी... Read more
मंत्र : मुंशी प्रेमचंद की कहानी
संध्या का समय था. डॉक्टर चड्ढा गोल्फ़ खेलने के लिए तैयार हो रहे थे. मोटर द्वार के सामने खड़ी थी कि दो कहार एक डोली लिये आते दिखाई दिए. डोली के पीछे एक बूढ़ा लाठी टेकता चला आता था. डोली औषाधा... Read more
पंचलैट: फणीश्वरनाथ रेणु की कहानी
पिछले पन्द्रह दिनों से दंड-जुरमाने के पैसे जमा करके महतो टोली के पंचों ने पेट्रोमेक्स ख़रीदा है इस बार, रामनवमी के मेले में. गांव में सब मिलाकर आठ पंचायतें हैं. हरेक जाति की अलग-अलग सभाचट्टी... Read more