छिद्दा पहलवान वाली गली: शैलेश मटियानी की कहानी
पिछले कई वर्षों से, लगभग प्रत्येक मंगलवार को, वह हनुमान मन्दिर आता रहा है. अपनी सम्पूर्णता में सिन्दूर-तेल से सनी हुई हनुमानजी को विशाल मूर्ति उसे सदैव एक अवतार-पुरुष की-सी दिव्यता से अभिभूत... Read more
लिखा हुआ पत्ता : कुमाऊनी लोककथा
एक था गरीब ब्राह्मण. उसकी एक पत्नी थी – ब्राह्मणी. ब्राह्मणी घूम-घूम कर भीख माँगा करती थी. इसी तरह वे दोनों गुजारा कर रहे थे.(Kumaoni Folklore by Ivan Minayev) एक बार ब्राह्मणी ने सुना कि को... Read more
सीमाएँ : मोहन राकेश की कहानी
इतना बड़ा घर था, खाने-पहनने और हर तरह की सुविधा थी, फिर भी उमा के जीवन में बहुत बड़ा अभाव था जिसे कोई चीज़ नहीं भर सकती थी. (Seemayen Story by Mohan Rakesh) उसे लगता था, वह देखने में सुंदर न... Read more
पहली कुमाऊनी कहानी ‘छितकू की कथा’
कुछ समय पहले तक यह माना जाता था की अचल पत्रिका में प्रकाशित गोविन्द वल्लभ पन्त की कहानी ‘एक रुपैंक चित्र’ पहली कुमाऊनी कहानी है. बाद के शोध में बता चला कि 1938 से पहले ही बाबू रा... Read more
गिरगिट का सपना : मोहन राकेश की कहानी
एक गिरगिट था. अच्छा, मोटा-ताजा. काफी हरे जंगल में रहता था. रहने के लिए एक घने पेड़ के नीचे अच्छी-सी जगह बना रखी थी उसने. खाने-पीने की कोई तकलीफ नहीं थी. आसपास जीव-जन्तु बहुत मिल जाते थे.... Read more
चालीस भाइयों की पहाड़ी
कई साल पहले कश्मीर की ऊँची पहाड़ियों में एक धनी किसान रहता था, जिसका नाम द्रूस था. हालाँकि उसके पास बहुत सारी भेड़ें और मवेशी थे, लेकिन वह और उसकी पत्नी दोनों दु:खी थे, क्योंकि उनके विवाह के... Read more
कोतवाल का हुक्का: पुलिस-कोतवाली की कहानियाँ
कोतवाल का हुक्का, हाल ही में प्रकाशित कथा संग्रह है, अमित श्रीवास्तव का. उत्तराखण्ड पुलिस महकमे में आईपीएस अधिकारी हैं. इससे पहले संस्मरण, कविता और उपन्यास विधा में अपनी सिद्धहस्तता तीन बहुच... Read more
लोक कथा : कछुए ने बन्दरों से बदला लिया
बहुत दिनों पहले की बात है, कि एक बार एक कछुआ एक अजनबी शहर में नमक खरीदने गया. (Folklore Kachue ka Bandaron se badla) जब वह नमक खरीद कर वापस लौट रहा था तो उसने देखा कि बहुत सारे बन्दर एक पेड़... Read more
कोतवाल का हुक्का : कवितामय कहानियों का संग्रह
‘कोतवाल का हुक्का’ पुस्तक को कहानी संग्रह कहा गया है, पर यह तो कविता है. पढ़ते हुए भी और सोचते हुए भी. जहाँ-जहाँ कहानी है या कहानी होने की गुंजाइश है वहाँ पर भी कविता है. कभी द्र... Read more
दरजी का लड़का जो अपनी चतुराई से राजा बन गया
एक छोटे से गाँव में एक दरजी रहता था. उसने अपने बेटे को भी दरजी का काम सिखा दिया, ताकि वह गाँव में रहकर अपनी रोजी-रोटी कमा सके. एक दिन सुबह-सुबह दरजी का लड़का अपनी दुकान में काम कर रहा था. तभ... Read more