दूध का दाम : प्रेमचन्द
अब बड़े-बड़े शहरों में दाइयाँ, नर्सें और लेडी डाक्टर, सभी पैदा हो गयी हैं; लेकिन देहातों में जच्चेखानों पर अभी तक भंगिनों का ही प्रभुत्व है और निकट भविष्य में इसमें कोई तब्दीली होने की आशा न... Read more
लोक कथा : दयामय की दया
किसी समय एक मनुष्य ऐसा पापी था कि अपने 70 वर्ष के जीवन में उसने एक भी अच्छा काम नहीं किया था. नित्य पाप करता था, लेकिन मरते समय उसके मन में ग्लानि हुई और रो-रोकर कहने लगा — (Folklore Dayamay... Read more
लोक कथा : श्राद्ध की बिल्ली
किसी जमाने की बात है. एक गांव में सास-बहू रहा करते थे. जैसा की पहाड़ों के हर घर में होता है कि लोग पालतू जानवर रखा करते हैं. सास-बहू ने भी एक बिल्ली पाल रखी थी. वह बिल्ली हमेशा कभी सास तो कभ... Read more
छिद्दा पहलवान वाली गली: शैलेश मटियानी की कहानी
पिछले कई वर्षों से, लगभग प्रत्येक मंगलवार को, वह हनुमान मन्दिर आता रहा है. अपनी सम्पूर्णता में सिन्दूर-तेल से सनी हुई हनुमानजी को विशाल मूर्ति उसे सदैव एक अवतार-पुरुष की-सी दिव्यता से अभिभूत... Read more
लिखा हुआ पत्ता : कुमाऊनी लोककथा
एक था गरीब ब्राह्मण. उसकी एक पत्नी थी – ब्राह्मणी. ब्राह्मणी घूम-घूम कर भीख माँगा करती थी. इसी तरह वे दोनों गुजारा कर रहे थे.(Kumaoni Folklore by Ivan Minayev) एक बार ब्राह्मणी ने सुना कि को... Read more
सीमाएँ : मोहन राकेश की कहानी
इतना बड़ा घर था, खाने-पहनने और हर तरह की सुविधा थी, फिर भी उमा के जीवन में बहुत बड़ा अभाव था जिसे कोई चीज़ नहीं भर सकती थी. (Seemayen Story by Mohan Rakesh) उसे लगता था, वह देखने में सुंदर न... Read more
पहली कुमाऊनी कहानी ‘छितकू की कथा’
कुछ समय पहले तक यह माना जाता था की अचल पत्रिका में प्रकाशित गोविन्द वल्लभ पन्त की कहानी ‘एक रुपैंक चित्र’ पहली कुमाऊनी कहानी है. बाद के शोध में बता चला कि 1938 से पहले ही बाबू रा... Read more
गिरगिट का सपना : मोहन राकेश की कहानी
एक गिरगिट था. अच्छा, मोटा-ताजा. काफी हरे जंगल में रहता था. रहने के लिए एक घने पेड़ के नीचे अच्छी-सी जगह बना रखी थी उसने. खाने-पीने की कोई तकलीफ नहीं थी. आसपास जीव-जन्तु बहुत मिल जाते थे.... Read more
चालीस भाइयों की पहाड़ी
कई साल पहले कश्मीर की ऊँची पहाड़ियों में एक धनी किसान रहता था, जिसका नाम द्रूस था. हालाँकि उसके पास बहुत सारी भेड़ें और मवेशी थे, लेकिन वह और उसकी पत्नी दोनों दु:खी थे, क्योंकि उनके विवाह के... Read more
कोतवाल का हुक्का: पुलिस-कोतवाली की कहानियाँ
कोतवाल का हुक्का, हाल ही में प्रकाशित कथा संग्रह है, अमित श्रीवास्तव का. उत्तराखण्ड पुलिस महकमे में आईपीएस अधिकारी हैं. इससे पहले संस्मरण, कविता और उपन्यास विधा में अपनी सिद्धहस्तता तीन बहुच... Read more