आज दिन है हिंदी कथा साहित्य को एक नई दिशा देने वाले हिंदी कहानी के वास्तविक जनक पंडित चंद्रधर शर्मा गुलेरी को याद करने का. लहना सिंह के प्रेम त्याग व बलिदान के अमर गायक पंडित चंद्रधर शर्मा ग... Read more
ठाकुर का कुआं
जोखू ने लोटा मुंह से लगाया तो पानी में सख़्त बदबू आई. गंगी से बोला- यह कैसा पानी है? मारे बास के पिया नहीं जाता. गला सूखा जा रहा है और तू सड़ा पानी पिलाए देती है.(Premchand Story Thakur Ka K... Read more
कहानी : शिकार की जुगत
गांव में लगातार तीन दिन बारिश होने के बाद आज शिकार की जुगत कार्यक्रम का आयोजन गोकुल के घर पर किया जाना है. अतः पनी राम, नैनू, हीरा सिंह तीनों बहुत उत्साहित है. तीनों कहानी के मुख्य पात्र हैं... Read more
शैलेश मटियानी की कहानी ‘लाटी’
लाटी अपने वरुण विलाप की मर्मवेधी चीत्कारों से इर्दगिर्द जुटे लोगों को ऐसे झकझोर रही थी, जैसे कोई अचानक बाढ़ पर आई नदी अपने प्रचण्ड प्रवाह से दोनों किनारे खड़ी फसलों को झकझोर रही हो. उसने गूं... Read more
शतरंज के खिलाड़ी
वाजिदअली शाह का समय था. लखनऊ विलासिता के रंग में डूबा हुआ था. छोटे-बड़े, अमीर-गरीब, सभी विलासिता में डूबे हुए थे. कोई नृत्य और गान की मजलिस सजाता था , तो कोई अफीम की पीनक ही के मजे लेता था.... Read more
बादलों में भवाली: भवाली की जड़ों को टटोलती किताब
अंग्रेजी वर्तनी के अनुसार भोवाली, अतीत में भुवाली और अब भवाली नाम से जाना जाने वाला यह छोटा सा कस्बा नैनीताल से 11 किमी पूर्व में राष्ट्रीय राजमार्ग 109 (पूर्व में हाईवे 87 के नाम से) पर स्थ... Read more
सयानी बुआ : कहानी
-मन्नू भंडारी सब पर मानो बुआजी का व्यक्तित्व हावी है. सारा काम वहाँ इतनी व्यवस्था से होता जैसे सब मशीनें हों, जो कायदे में बँधीं, बिना रुकावट अपना काम किए चली जा रही हैं. ठीक पाँच बजे सब लोग... Read more
आहा, तो बड़ी पुरानी बात होगी. एक कस्बे में खूब बड़ा सेठ रहा करता था. एक दिन उसकी सेठानी को बकरे का ताज़ा मांस खाने की इच्छा हुई. सेठ की नई-नई शादी हुई थी वह अपनी पत्नी को आज भी आकर्षित करना... Read more
मौत को लेकर हम आतंकित थे कि जब वह आदमी मरेगा तो यह सारी झंझट होगी कि क्या कहाँ कैसे कब. टुकड़े अस्त व्यस्त बिखरे. मौत के सारे अनजानपन को देखते हुए. उनके सारे टूटे फूटेपन को देखते हुए. उनके,... Read more
भँवर एक प्रेम कहानी, हाल ही में प्रकाशित उपन्यास है. उत्तराखण्ड के सेवानिवृत्त पुलिस महानिदेशक, अनिल रतूड़ीजी, इस कृति के लेखक हैं. साहित्य, संगीत और संस्कृति के प्रति लेखक का अनुराग उनके से... Read more