आज वीरेन डंगवाल का जन्मदिन है
वीरेन डंगवाल (5.8.1947,कीर्ति नगर,टिहरी गढ़वाल – 28.9.2015, बरेली,उ.प्र.) हिंदी कवियों की उस पीढ़ी के अद्वितीय, शीर्षस्थ हस्ताक्षर माने जाएँगे जो द्वितीय विश्व युद्ध के बाद जन्मी और सुमित्रा... Read more
विद्यासागर नौटियाल की कहानी ‘जंगलात के सरोले’
ये चिपको वाले चैन नहीं लेने देंगे. पिछले कुछ वर्षों से पहाड़ पर तैनात डी.एफ.ओ. (डिविज़नल फॉरेस्ट ऑफीसर, प्रभागीय वनाधिकारी) शिव मंगल सिंह राणा की परेशानियाँ आजकल कुछ ज्यादा ही बढ़ने लगी है... Read more
निर्मल वर्मा की कहानी ‘परिंदे’
अंधेरे गलियारे में चलते हुए लतिका ठिठक गयी. दीवार का सहारा लेकर उसने लैम्प की बत्ती बढ़ा दी. सीढ़ियों पर उसकी छाया एक बैडौल कटी-फटी आकृति खींचने लगी. सात नम्बर कमरे में लड़कियों की बातचीत और... Read more
बहुत-से लोग यहाँ-वहाँ सिर लटकाए बैठे थे जैसे किसी का मातम करने आए हों. कुछ लोग अपनी पोटलियाँ खोलकर खाना खा रहे थे. दो-एक व्यक्ति पगड़ियां सिर के नीचे रखकर कम्पाउंड के बाहर सड़क के किनारे बिख... Read more
पुस्तक के परिचय में रत्ना एम. सुदर्शन लिखती हैं- यह किताब उन लोगों को आश्चर्यचकित करेगी जो मेरे पिता को जानते थे. आई.सी.एस. अधिकारी रहे और ‘पद्म-विभूषण’ से सम्मानित स्व. बी डी पाण्डे की पिछल... Read more
शराब की दुकान
मिसेज सक्सेना ने जैसे विनय का आलिंगन करते हुए कहा- मैं आपके पास फरियाद लेकर न आऊँगी कि मुझे फँला आदमी ने मारा या गाली दी. इतना जानती हूँ कि अगर मैं सफल हो गयी, तो ऐसी स्त्रियों की कमी न रहेग... Read more
छूटा पीछे पहाड़- पथरीली राहों के बीच उड़ान और यादों का बहुरंगी गुलदस्ता मंजिलें जितनी आकर्षक लगती हैं, राहें उतनी आसान हुआ नहीं करती. पग-पग पर रूकावटें, चुनौतियां, इनसे खुद ही जूझना होता है,... Read more
आज दिन है हिंदी कथा साहित्य को एक नई दिशा देने वाले हिंदी कहानी के वास्तविक जनक पंडित चंद्रधर शर्मा गुलेरी को याद करने का. लहना सिंह के प्रेम त्याग व बलिदान के अमर गायक पंडित चंद्रधर शर्मा ग... Read more
ठाकुर का कुआं
जोखू ने लोटा मुंह से लगाया तो पानी में सख़्त बदबू आई. गंगी से बोला- यह कैसा पानी है? मारे बास के पिया नहीं जाता. गला सूखा जा रहा है और तू सड़ा पानी पिलाए देती है.(Premchand Story Thakur Ka K... Read more
कहानी : शिकार की जुगत
गांव में लगातार तीन दिन बारिश होने के बाद आज शिकार की जुगत कार्यक्रम का आयोजन गोकुल के घर पर किया जाना है. अतः पनी राम, नैनू, हीरा सिंह तीनों बहुत उत्साहित है. तीनों कहानी के मुख्य पात्र हैं... Read more