केदारनाथ पुनर्निर्माण पर जमीनी रपट
16 नवम्बर 2020 को केदारनाथ धाम के कपाट यात्रियों के लिए बंद हो गए व केदार बाबा की डोली को उनके शीतकालीन निवास ऊखीमठ के लिए धूमधाम के साथ रवाना कर दिया गया. कोरोना महामारी के चलते इस बार यात्... Read more
आज भी जौलजीबी मेले का नाम सुनते ही लोगों के ज़हन में काली पार, एक खुले मैदान में खड़े घोड़ों की तस्वीर आ जाती है, कतार में खड़े हुम्ला-जुमला के घोड़े. कद में छोटे और व्यवहार में अधिकांश पहाड... Read more
यादों में हमेशा जिंदा रहेगा अमरिया
पड़ोस के गांव गंगनौला की चाची का परिवार टनकपुर के लिए पलायन कर गया तो उन्होंने अपनी दुधारू गाय सस्ते दामों पर बेच दी, जबकि दो-ढाई साल का बछड़ा हमें मुफ्त में दे दिया. ईजा ने भी उसे ले लिया क... Read more
आज से 102 साल पहले, साल 1918 के 11वें महीने का 11वां दिन और समय सुबह के ठीक 11 बजे. दुनिया ने चैन की साँस ली थी जब उसे पता चला कि पिछले चार साल से चला आ रहा प्रथम विश्वयुद्ध समाप्त हो गया है... Read more
पिछली एक सदी में यह पहली बार होगा जब ऐतिहासिक जौलजीबी के मेले का आयोजन नहीं किया जायेगा. 1962 के भारत तिब्बत युद्ध से पहले जौलजीबी का मेला भारत के सबसे बड़े व्यापारिक मेलों में शुमार था. काल... Read more
नकुलेश्वर मंदिर पिथौरागढ़ जिले में स्थित है. माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण पांडव भाइयों में नकुल द्वारा किया गया था इसीकारण इसे नकुलेश्वर कहा जाता है. सड़क से कुछ किमी की दूरी पर स्थित... Read more
पहाड़ के खोईक भिड़ महज घरों के आगे की निर्जीव दीवार भर नहीं हुआ करती बल्कि यहां के पारिवारिक, सामाजिक व सांस्कृतिक संबंधों की पहचान तथा चेतना के केन्द्र थे. पहाड़ों की भौगोलिक संरचना जिस तरह... Read more
दिवाली के बताशों में मिठास भरते हैं वनभूलपुरा के रियाज़ हुसैन उर्फ लल्ला मियां
दीपावली की पहचान खील-खिलौने और बताशों से ही है जनाब. उम्र के सौ वर्ष पूरे चुके हल्द्वानी वनभूलपुरा निवासी रियाज़ हुसैन उर्फ लल्ला मियां अपने कमरे के एकांत में बैठे हुए इतना ही कह पाए और फिर... Read more
पहाड़ की सड़कों पर अभी गाड़ियों की कमी थी. रोडवेज और केमू की बसें ही लोगों की यात्रा का सहारा था. छोटी गाड़ियां अभी नहीं के बराबर चलती थी. ये 1990 का साल था. इस साल की 18 अक्टूबर के दिन कुमा... Read more
माल्टा सुनकर देश और दुनिया के लोगों के दिमाग में भले यूरोप का सबसे छोटा देश आता हो पर एक ठेठ पहाड़ी के सामने उभरती है एक रसदार नारंगी फल की तस्वीर. माल्टा सुनते ही उसके मुंह के भीतर अलग-अलग... Read more