सूर्य भगवान की मूर्ति किसी धातु या पत्थर से निर्मित नहीं है बल्कि यह मूर्ति बड़ के पेड़ की लकड़ी से बनी है. लाल वर्ण, सात घोड़ों के रथ में सवार भगवान सूर्य देव को सर्वप्रेरक, सर्व प्रकाशक, स... Read more
क्यों 1918 में सभी हिन्दुस्तानियों को इन्फ्लुएंजा का मुफ़्त टीका लगाया अंग्रेजी सरकार ने?
पिछले एक वर्ष में हिंदुस्तान में कोरोना महामारी से लगभग दो लाख लोग मर चुके हैं जो चीन और पाकिस्तान के साथ हुए तीन युद्धों के मिलाकर मारे गए सैनिकों की संख्या से बीस गुना अधिक हैं. जब वर्ष 19... Read more
उत्तराखण्ड में सिक्कों की छपाई का इतिहास
उत्तराखण्ड के गढ़वाल मंडल का श्रीनगर शहर मध्यकाल से ही सिक्कों के उत्पादन के लिए प्रसिद्ध रहा था. उस समय इन सिक्कों को ‘टिमाशास’ कहा जाता था. जब-जब नेपाल या लद्दाख़ के रास्ते तिब्बत के साथ ह... Read more
घ्वीड़ संग्रान्द : एक पारम्परिक उत्तराखंडी त्यौहार
आज ज्येष्ठ मास की संक्रांति है. लगभग हर मास की संक्रांति को हमारे पहाड़ में किसी न किसी त्यौहार के रूप में मनाया जाता है, इस संक्रांति को हमारे क्षेत्र में घ्वीड़ संक्रांति के रूप में मनाया... Read more
वैक्सिनेशन और हथछेड़ू का आतंक
कोणबूड के बाद अगर किसी ने मेरी उम्र के बच्चों को सर्वाधिक आतंकित किया है तो वो हथछेड़ू ही था. बहुत बाद में पता चला कि उसका सरकारी पदनाम वैक्सिनेटर है. बाकायदा स्वास्थ्य विभाग में एक वैक्सिने... Read more
जाति की जड़ता जाये तो उसके जाने का जश्न मनायें
उत्तराखंड के शिल्पकार वर्ग में सामाजिक-शैक्षिक चेतना के अग्रदूत बलदेव सिंह आर्य (12 मई, 1912 से 22 दिसम्बर, 1992) का आज जन्मदिन है. सन् 1930 में 18 वर्ष की किशोरावस्था में निरंकुश बिट्रिश सत... Read more
मेरे दम घुटते देश के पक्ष में एक गवाही
-मनीष आज़ाद 7 अक्टूबर 2020 को दक्षिण दिल्ली में कुत्तों के लिए बने एक शमशान घाट का उद्घाटन करते हुए वहाँ की भाजपा मेयर अनामिका मिथिलेश ने कहा कि अब कुत्तों को भी सम्मान के साथ दफनाया जा सकेग... Read more
अल्मोड़े के नौला गाँव में जन्मे मथुरादत्त मठपाल ने आज सुबह अंतिम साँस ली. मथुरादत्त मठपाल कुमाऊनी के अभिभावकों में एक थे. मथुरा दत्त मठपाल गढ़वाली और कुमाऊनी बोली के संरक्षण के लिये संघर्षरत... Read more
कमला कांड : 1989 में जब हल्द्वानी दहल उठा था
6 सितम्बर 1989 का दिन भी हल्द्वानी में एक दुखद घटना वाला दिन रहा. दरअसल इस घटना के पीछे पुलिस के प्रति आम जनता का छिपा आक्रोश था जो पूरे कुमाऊं अंचल में छा गया पुलिस चौकियों-थानों में आगजनी,... Read more
कोरोना का सत्कार
शीर्षक थोड़ा अटपटा है. धैर्य रखिए, पूरा पढ़ने के बाद समझ में आएगा. ‘अतिथि देवो भव:’ हमारी प्राचीन भारतीय परम्परा का सूत्र-वाक्य है. बचपन से हम सुनते आ रहे हैं कि अतिथि को ईश्वर का स्वरूप मान... Read more