सन् 1597 ई0 में कुमाऊं के राजा रुपचन्द की मौत हो जाने के बाद उसका बेटा लक्ष्मीचन्द को कुमाऊं की गद्दी पर बैठा. मनोदयकाव्य के आधार पर इस समय गढ़वाल की गद्दी पर मानशाह विराजमान था. लक्ष्मीचन्द... Read more
भगवान शिव और पार्वती का विवाह स्थल त्रियुगीनारायण
सोन गंगा, हरदा नदी एवं मंदाकिनी नदी के पृष्ठ भाग में स्थित है नारायण भगवान का यह भव्य मंदिर, जिसे त्रियुगीनारायण मंदिर कहा जाता है. यहाँ भगवान विष्णु के वामन अवतार का पूजन किया जाता है. भारत... Read more
कुमाऊनी साक्षात्कार श्रृंखला के 100वें अंक में आज सुनिये दो पीढ़ियों के बीच रोचक बातचीत
पिछले वर्ष जब लॉकडाउन शुरु हुआ तो सभी लोग अपने-अपने घरों में फंसे थे. ऐसे में हेम पन्त और हिमांशु पाठक ने अपनी दुधबोली के लिये ऑनलाइन एक प्रयास शुरु किया. इस प्रयास का नाम था “म्योर पहाड़, म... Read more
पुराने समय में अन्य यात्राओं की तरह चार धाम यात्रा भी पैदल ही हुआ करती थी. दिनों दिन की पैदल चल यात्रा पूरी हुआ करती थी. ऐसे में पैदल चलने वाले इन यात्रियों के रास्ते में पड़ने वाले ठौर-ठिका... Read more
भारतीय क्रिकेट टीम में वापसी पर उत्तराखंड की स्नेह राणा ने पिता को याद कर लिखी भावुक पोस्ट
अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में बेहतरीन प्रदर्शन करने वालों में एकता बिष्ट, मानसी जोशी का नाम सभी जानते हैं. भारत की बेहतरीन क्रिकेटर में ही एक नाम स्नेह राणा का भी है. इंग्लैंड दौरे के लिए इस दफ... Read more
‘झूलाघाट’ की कहानी
अल्मोड़ा-झूलाघाट अश्व-मार्ग/पैदल मार्ग का अंतिम पड़ाव सीमान्त क़स्बा झूलाघाट था. 1829 में ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा बनवाये गए झूलापुल के आर-पार नदी किनारे कोई बस्ती नहीं थी. भारतीय क्षेत्र मे... Read more
आदिकालीन मंदिरों में से एक है नीलेश्वर महादेव
उत्तराखंड को देवभूमि यूं ही नहीं कहा जाता है. यहाँ हरेक स्थान पर, प्रत्येक पहाड़ के शिखर पर देवी-देवता का वास है. जगह-जगह देवताओं से जुड़ी स्मृतियाँ पायी जाती है. हरिद्वार-ऋषिकेश तो एक तरह स... Read more
एवरेस्ट शिखर पर पिथौरागढ़ के मनीष कसनियाल
आज सुबह 5 बजे पिथौरागढ़ के मनीष कसनियाल अपने दल पर एवरेस्ट शिखर पर पहुंचे. त्रिशूल, गंगोत्री तृतीय, बलजोरी, लामचीर, बीसी रॉय आदि एक दर्जन से अधिक चोटियां फ़तेह कर चुके मनीष ने आज सुबह यह कारना... Read more
मंदिर में रखी पत्थर की मूर्तियों पर पानी छिडका जाता है और प्रार्थना की जाती है —“परमेश्वर खुश हो जा, मेरी भूलचूक क्षमा कर और ये मेमना तेरी भेंट है, इसे स्वीकार कर, मैं नासमझ हूं और तू अन्तर्... Read more
बैंक से कर्जा लेकर कुमाऊंनी भाषा की पहली फिल्म बनाने वाले ‘जीवन सिंह बिष्ट’ का जन्मदिन है आज
अस्सी का दशक था और गढ़वाली भाषा में एक के बाद एक तीन फ़िल्में आ चुकी थी. कुमाऊनी लोग अब भी इंतजार में थी अपनी पहली कुमाऊनी फिल्म के. लोग हिम्मत करते पर फिर आर्थिक स्थिति के चलते हार मान लेते.... Read more