श्रद्धालुओं में निराशा है कि कोरोना वैश्विक महामारी के चलते 15 जून को कैंचीधाम में आयोजित होने वाला मन्दिर की प्राण प्रतिष्ठा का विशाल वार्षिक समारोह पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष भी नहीं हो प... Read more
देवस्थानम बोर्ड का जिन्न फिर बोतल से बाहर
उत्तराखंड में देवस्थानम बोर्ड का जिन्न एक बार फिर बोतल से बाहर निकल आया है. शुरू तो विवाद पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के बयान से हुआ, जिसमें कहा गया कि उत्तराखंड सरकार का देवस्थानम बोर्ड पर प... Read more
12 नवम्बर, 2019 की रात वैकुंठ चतुर्दशी मेला, श्रीनगर (गढ़वाल) में गढ़-कुमाऊंनी कवि सम्मेलन के मंच पर नरेन्द्र सिंह नेगी एवं अन्य कवियों के मध्य जनकवि हीरा सिंह राणा भी शोभायमान थे. प्रिय मित... Read more
हाल ही में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कुमाऊं-गढ़वाल का संतुलन साधने के लिए दिल्ली में स्वास्थ्य मंत्री से मिलकर कुमाऊं के लिए एम्स की मांग की है. इसके बाद कुमाऊं के अंदर इसे लेकर घमासान श... Read more
हमारे पहाड़ों में नैंनांग देने की एक परम्परा है. नई फसल का पहला भोग अपने इष्टदेव को चढ़ाने का रिवाज यहां बहुत पुराना है. सभी गांव के लोग मंदिर में पूजा पाठ कर वहीं खाना बनाकर खाकर लौटते हैं.... Read more
पहाड़ की माईजी से सुनिये घुघूती ना बासा
कुछ गीत होते हैं, जो अपने मूल में तो लोकप्रिय होते ही हैं पर उनके परिवर्तित रूप भी खूब आकर्षित करते हैं. वैश्विक महामारी के इस समय में इन्हें म्यूटेंट के रूप में भी समझा जा सकता है.(Ghughuti... Read more
सन् 1597 ई0 में कुमाऊं के राजा रुपचन्द की मौत हो जाने के बाद उसका बेटा लक्ष्मीचन्द को कुमाऊं की गद्दी पर बैठा. मनोदयकाव्य के आधार पर इस समय गढ़वाल की गद्दी पर मानशाह विराजमान था. लक्ष्मीचन्द... Read more
भगवान शिव और पार्वती का विवाह स्थल त्रियुगीनारायण
सोन गंगा, हरदा नदी एवं मंदाकिनी नदी के पृष्ठ भाग में स्थित है नारायण भगवान का यह भव्य मंदिर, जिसे त्रियुगीनारायण मंदिर कहा जाता है. यहाँ भगवान विष्णु के वामन अवतार का पूजन किया जाता है. भारत... Read more
कुमाऊनी साक्षात्कार श्रृंखला के 100वें अंक में आज सुनिये दो पीढ़ियों के बीच रोचक बातचीत
पिछले वर्ष जब लॉकडाउन शुरु हुआ तो सभी लोग अपने-अपने घरों में फंसे थे. ऐसे में हेम पन्त और हिमांशु पाठक ने अपनी दुधबोली के लिये ऑनलाइन एक प्रयास शुरु किया. इस प्रयास का नाम था “म्योर पहाड़, म... Read more
पुराने समय में अन्य यात्राओं की तरह चार धाम यात्रा भी पैदल ही हुआ करती थी. दिनों दिन की पैदल चल यात्रा पूरी हुआ करती थी. ऐसे में पैदल चलने वाले इन यात्रियों के रास्ते में पड़ने वाले ठौर-ठिका... Read more