कुमाऊं विश्वविद्यालय बनाने के लिये पहाड़ के लोगों ने पुलिस की गोलियां तक खाई हैं
पूरे पहाड़ में एक आन्दोलन चला जिसका नाम था “कुमाऊं-गढ़वाल विश्वविद्यालय बनाओ आन्दोलन”. उत्तराखंड के पहाड़ों में कालेज पढ़ने वाले बच्चों को अपनी मार्कशीट में सुधार से लेकर बैक पेपर, डिग्री ला... Read more
कुमाऊं में है कत्यूर कालीन ‘आदि बदरीनाथ’ का मंदिर
यह सुनने और पढ़ने में जरुर अटपटा है पर हकीकत यह है कि मूल बदरीनाथ गढ़वाल के अंश कुमाऊं में भी मौजूद हैं. रानीखेत तहसील से लगभग 25 किमी दूर कुंवाली गांव में कत्यूरकालीन आदि बदरीनाथ का मंदिर ह... Read more
उत्तराखंड में हनुमान जी की जन्मस्थली
देहरादून में शिवालिक पहाड़ी की उत्तरी ढलान पर चन्द्रबनी नाम का गांव है. पौराणिक कथाओं के अनुसार चन्द्रबनी के आसपास ही महर्षि गौतम और उनकी पुत्री अंजनी रहते थे. स्थानीय लोगों का मानना है कि य... Read more
पहाड़ के लोक में ‘ढोल-दमाऊ’ का महत्व
यूं तो सभी क्षेत्रों में अलग-अलग वाद्य यंत्रों का प्रयोग किया जाता है, जिनका प्रचलन प्राचीन काल से होता आ रहा है. उनका महत्व उस क्षेत्र के परिवेश, संस्कृति एवं विरासत पर आधारित होता है और सद... Read more
श्रद्धालुओं में निराशा है कि कोरोना वैश्विक महामारी के चलते 15 जून को कैंचीधाम में आयोजित होने वाला मन्दिर की प्राण प्रतिष्ठा का विशाल वार्षिक समारोह पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष भी नहीं हो प... Read more
देवस्थानम बोर्ड का जिन्न फिर बोतल से बाहर
उत्तराखंड में देवस्थानम बोर्ड का जिन्न एक बार फिर बोतल से बाहर निकल आया है. शुरू तो विवाद पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के बयान से हुआ, जिसमें कहा गया कि उत्तराखंड सरकार का देवस्थानम बोर्ड पर प... Read more
12 नवम्बर, 2019 की रात वैकुंठ चतुर्दशी मेला, श्रीनगर (गढ़वाल) में गढ़-कुमाऊंनी कवि सम्मेलन के मंच पर नरेन्द्र सिंह नेगी एवं अन्य कवियों के मध्य जनकवि हीरा सिंह राणा भी शोभायमान थे. प्रिय मित... Read more
हाल ही में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कुमाऊं-गढ़वाल का संतुलन साधने के लिए दिल्ली में स्वास्थ्य मंत्री से मिलकर कुमाऊं के लिए एम्स की मांग की है. इसके बाद कुमाऊं के अंदर इसे लेकर घमासान श... Read more
हमारे पहाड़ों में नैंनांग देने की एक परम्परा है. नई फसल का पहला भोग अपने इष्टदेव को चढ़ाने का रिवाज यहां बहुत पुराना है. सभी गांव के लोग मंदिर में पूजा पाठ कर वहीं खाना बनाकर खाकर लौटते हैं.... Read more
पहाड़ की माईजी से सुनिये घुघूती ना बासा
कुछ गीत होते हैं, जो अपने मूल में तो लोकप्रिय होते ही हैं पर उनके परिवर्तित रूप भी खूब आकर्षित करते हैं. वैश्विक महामारी के इस समय में इन्हें म्यूटेंट के रूप में भी समझा जा सकता है.(Ghughuti... Read more