जन्मदिन की शुभकामनायें जिम कॉर्बेट साहब
जेम्स ए. जिम कार्बेट (25 जुलाई 1875-19 अप्रैल 1955) जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क से दुनिया भर के लोग भली भाँति परिचित हैं. इस पार्क को यह नाम जेम्स एडवर्ट जिम कॉर्बेट से मिला. (Edward James Corbe... Read more
वर्तमान में अपने शौर्य और पराक्रम के लिए पहचानी जाने वाली कुमाऊँ रेजिमेंट की 21 बटालियनें हिन्दुस्तान की सीमाओं की सुरक्षा में जुटी हैं. 1788 में नवाब सलावत खां की सैन्य टुकड़ी के रूप में स्... Read more
दास्तान-ए-हिमालय: हिमालय को जानने-समझने की कोशिश
‘हिमालय बहुत नया पहाड़ होते हुए भी मनुष्यों और उनके देवताओं के मुक़ाबले बहुत बूढ़ा है. यह मनुष्यों की भूमि पहले है, देवभूमि बाद में, क्योंकि मनुष्यों ने ही अपने विश्वासों तथा देवी-देवताओं को... Read more
‘बेईमान’ उत्तराखंड मांगे भू-कानून
उत्तराखंड में भूमि बंदोबस्त कराइए, कृषि भूमि बचाने के लिए सशक्त भू कानून लाइए, जमीन की खरीद-फरोख्त को नियंत्रित करने के पुख्ता उपाय कीजिए, पर्वतीय क्षेत्रों में चकबंदी कराइए. हिमाचल की तर्ज... Read more
प्यारे शहर देहरादून का एक किस्सा
मेरे लिए यादों का एक शहर. कई वर्षों बाद आज यहां लौटना हुआ. इसे लौटना भी क्या कहूँ? बस ये वापसी कुछ दिनों की थी. कुछ काम निपटाकर फिर वापस लौट जाना था. आज की मुलाक़ातों का सिलसिला ख़त्म कर लौट... Read more
आज पारम्परिक पकवानों की सुंगध बिखरेगी पहाड़ों में
आज उत्तराखंड का लोक पर्व हरेला है. आज की सुबह हरेला काटे जाने के बाद सबसे पहले अपने इष्टदेव के मंदिर में चढ़ता है साथ में चढ़ते हैं पारम्परिक पकवान. उसके बाद घर के बुजुर्ग हरेला लगाने के शुर... Read more
हरेले से एक दिन पहले कुमाऊँ अंचल में डिकारे पूजे जाते हैं. कुछ लोग पहले ही डिकारे तैयार कर लेते हैं और कुछ आज ही उन्हें बनाते हैं. हरेले से एक दिन पहले गौधूली के बाद डिकारे पूजे जाते हैं. इस... Read more
हरेला लोकपर्व का पर्यावरण से संबंध
आज पूरा विश्व जलवायु परिवर्तन एवं पर्यावरण सबंधित समस्याओं से जूझ रहा है. प्रकृति के संतुलन को बनाए रखना मानव के जीवन को सुखी, समृद्ध व संतुलित बनाए रखने के लिए वृक्षारोपण का विशेष महत्व है.... Read more
बेरीनाग की बेमिसाल चाय
बेरीनाग की चाय किसी दौर में इंग्लैंड के चाय शौकीनों की पसंदीदा चाय थी इस कारण उसकी अत्यधिक मांग बनी रहती थी. उस दौर में बेरीनाग चाय लंदन के चाय घरों में एक अत्यधिक मांग वाली चाय थी. यह चाय न... Read more
लोक गायिकाओं का समृद्ध इतिहास रहा है पहाड़ में
पहाड़ के लोक में महिला लोक गायिकाएं पहले भी रही हैं जिनमे कुछ ने संचार माध्यमों से प्रसिद्धि पाई तो कुछ ने गुमनामी में रहकर भी यहां के लोक को अपनी गायन कला से सजाने और संवारने का अद्भुत कार्... Read more