नैनीताल में 1880 का भू-स्खलन
वृहस्पतिवार 16 सितम्बर 1880 ई. को जोर की वर्षा शुरू हुई और वह रविवार को 19 तारीख की शाम तक लगातार चलती रही. इस बीच में तैंतीस इंच वर्षा हुई, जिसमें से बीस से पच्चीस इंच शनिवार की शाम के पहले... Read more
वर्ष था 1977, जब उत्तराखंड में नैनीताल की खूबसूरत वादियों के बीच नैनीताल समाचार की शुरुआत हुई. नैनीताल समाचार ने इमरजेंसी के बाद बने मुश्किल हालातों के बीच अपने लिए एक अलग राह चुनी, यह वह रा... Read more
भाभर की बिल्ली को पहाड़ ले जाने की एक याद
बात वर्ष 1990-1992 की होगी जब बाबूजी के साथ पहली बार बाजपुर जाने का मौका मिला. मौका था छोटे दाज्यू (ताऊ जी के छोटे बेटे) की शादी में शामिल होने का. पहली बार अल्मोड़ा देखा था अल्मोड़े का बाजा... Read more
कालीनारा: लोकदेवता हरु और सैंम की माता
हरु की मां का नाम कालीनारा था. कालीनारा राजा निकदर की बेटी थी. मकर संक्रांति के मौके पर देव, जोगियों और भक्तजनों को कुम्भ स्नान के लिए जाता हुआ देख उसके मन में भी गंगा स्नान की इच्छा पैदा हु... Read more
9 अगस्त कीई सुबह का सूरज निकलता उससे पहले अंग्रेजों ने ‘ऑपरेशन जीरो आवर’ के तहत कांग्रेस के सभी बड़े नेताओं को या तो गिरफ्तार कर लिया या फिर नज़रबंद. आन्दोलन संभालने के बारी अब युवाओं के कंध... Read more
नेपाल से आये टिकेन्द्र का भोलापन
शिकंजे में बदलती दीवारें टिकेन्द्र नाम होगा उसका, जिसे वह कुछ अजीब से लहज़े में टिकेन्दर कह कर बताता है. जन्मतिथि उसके लिए एक गैर जरूरी सी चीज है. उम्र पूछने पर वह टालने वाले अंदाज़ में, शाय... Read more
गढ़वाली हिंगोड़: हॉकी और गोल्फ का पुरखा
इक्कीसवीं सदी में ओलम्पिक हॉकी का पहला पदक भारत ने हाल ही में जीता है. जर्मनी को हराकर, कांस्य पदक. पिछली सदी में भी आखिरी बीस साल ओलम्पिक पदक का सूखा ही रहा. एक दौर वो भी था, जब भारत फील्ड... Read more
बैरन ने दुनिया को नैनीताल के बारे में क्या बताया
कुमाऊं के दूसरे कमिश्नर ट्रेल नैनीताल की यात्रा करने वाले पहले यूरोपीय व्यक्ति थे लेकिन उन्होंने इस जगह की धार्मिक पवित्रता को देखते हुए अपनी यात्रा को प्रचारित न किया. 1839 में कमिनश्नर बैट... Read more
भारत के रॉबिनहुड सुल्ताना डाकू की कहानी
सुल्ताना को परिवार सहित कैद कर दिया गया था सुल्ताना डाकू का नाम सभी हम सभी जानते हैं. सुल्ताना भारतीय दंत कथाओं का पात्र बन चुका है. सुल्ताना के किस्से पीढ़ी-दर-पीढ़ी कहे जाते रहे हैं. सुल्तान... Read more
गंगोलीहाट का इतिहास
बागेश्वर से नीचे सरयू और पूर्वी रामगंगा के नीचे गंगोली रमणीय भू-प्रदेश है. इसके बारे में कविवर गुमानी ने कुमाऊनी भाषा में लिखा है:(History of Gangolihat Pithoragarh) केला, निम्बू, अखोड़, दाड... Read more