बर्फबारी के बाद पहाड़ियों का जीवन
सोशियल मीडिया की दुनिया में बर्फबारी देखकर हर किसी का दिल सैलानी बनकर पहाड़ में रहने का होता है. बर्फबारी का जादू ही कुछ ऐसा है. एक तरफ बर्फबारी सैलानियों को तो खूब मजा देती है लेकिन पहाड़ क... Read more
पहाड़ों में ‘धिनाली’ और उससे जुड़ी लोक मान्यतायें
धिनाली कुमाऊनी का एक शब्द है जिसका सामान्य मतलब होता है- दूध, दही, घी, मठ्ठा, मक्खन आदि यानि दूध और दूध से बने पदार्थ डेयरी उत्पाद पर पहाड़ के सन्दर्भ में यह शब्द बहुत व्यापकता लिये हुए है.... Read more
अस्थायी प्रवास हिमालय के चरवाहों के जीवन का अभिन्न हिस्सा होता है. ये चरवाहे पहिये की तरह साल भर मवेशियों, भेड़-बकरियों, घोड़ों, याकों और तिब्बती बकरवाल कुत्तों के साथ कभी उच्च हिमालय, कभी द... Read more
थल के ‘एक हथिया देवाल’ की अजब कहानी
पिथौरागढ़ जिले में थल के पास दो गांव हैं – अल्मियां और बलतिर. अल्मियां और बलतिर गांव के बीच एक चट्टान है जिसे भोलियाछीड़ कहा जाता है इसी चट्टान पर मौजूद है एक अनूठा शिव मंदिर. लगभग आठव... Read more
हल्द्वानी की सब्जी मंडी का इतिहास
आज उत्तराखण्ड की प्रमुख मण्डी के रूप में हल्द्वानी स्थापित है. पूर्व में यहां मण्डी का कारोबार मंगल पड़ाव, मीरा मार्ग (पियर्सनगंज), रेलवे बाजार, महावीर गंज में था. महावीरगंज को रहीम गंज कहा... Read more
एक शांत मौसम के समय आसमान से सफ़ेद रुई के फाहे गिरते देखना हर किसी की नसीब में नहीं. प्रकृति के इस सबसे खुबसुरत मौके को देख पाना सोशियल मीडिया ने आसान तो कर दिया है पर इसे महसूस करने के लिये... Read more
कुमाऊनी में सरस्वती वंदना
साल 2018 में एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें किसी पहाड़ी गवेर्मेंट गर्ल्स इंटर कालेज की लड़कियां स्कूल की सभा में एक प्रार्थना गा रही थी. कुमाऊनी बोल वाला यह गीत कुमाऊनी में सरस्वती वंदना थी जिसे... Read more
हिमपात का इंतजार आमजन मानस के साथ ही पशुओं, पक्षियों के जीवन के वार्षिक प्रवास का हिस्सा भी है. इंसानों की तरह जानवरों को भी हिमपात का बेसब्री से इंतजार रहता है. आजकल पशुओं में सबसे ज्यादा ख... Read more
पहाड़ों में बसंत पंचमी से जुड़ी परम्परायें
बंसत पंचमी का दिन उत्तराखंड में सबसे पवित्र दिनों में एक माना जाता है. स्थानीय भाषा में इसे सिर पंचमी भी कहा जाता है. आज के दिन अपनी-अपनी स्थानीय नदियों को गंगा समझ कर स्नान किया जाता है और... Read more
उत्तराखंड की राजनीति में शराब
अभी दो दशक पहले तक की बात है उत्तराखंड के गावों में शराब पीने और बेचने वालों को महिला मंगल दल की महिलायें सिन्ने की झपाक लगाया करती थी. यह भी ज्यादा पुरानी बात नहीं है जब आम लोगों द्वारा अल्... Read more