वीजा के लिए इंतजार : अमेरिकी विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम में शामिल आंबेडकर की जीवनी का हिस्सा
विदेश में लोगों को छुआछूत के बारे में पता तो है लेकिन इससे वास्तविक सामना नहीं पड़ने के कारण वे यह नहीं जान सकते कि दरअसल यह प्रथा कितनी दमनकारी है. उनके लिए यह समझ पाना मुश्किल है कि बड़ी स... Read more
उत्तराखण्ड में वर्तमान शिक्षा प्रणाली का पहला स्कूल 1840 में श्रीनगर में खुला
1823 में ट्रेल ने लिखा — यहां सार्वजनिक स्कूलों जैसी कोई संस्था नहीं है. व्यक्तिगत तौर पर होने वाली पढ़ाई-लिखाई भी उच्च वर्ग के कुछ ही लोगों तक सीमित है. इन लोगों को ब्राह्मण शिक्षकों द्वारा... Read more
ब्रिटिश कुमाऊं में औषधीय खेती की शुरुआत
नौर्मन गिल ने बैलाडोना की खेती 1910 से ही शुरू कर दी थी. उस समय बैलाडोना का (एटरोपा बैलाडोना), की खेती, स्थानीय हकीम औषधि के लिये थे. इसके बीज को मई में बोने से जुलाई में 12 फीट ऊँचा पौधा मि... Read more
चौबटिया के ‘चहाबगिच’
अंग्रेजों को कुमाऊं और गढ़वाल की जलवायु, प्राकृतिक रचना, वनस्पति आदि अपने देश की जैसी लगी सो अंग्रेजों ने अपनी पलटन और उनके परिवारों के ग्रीष्मकालीन आवास हेतु स्थान चयन के लिए मेजर लेंग को क... Read more
‘ओखल’ पहाड़ के परिवारों का आधार
ओखव या ओखली पहाड़ के परिवारों का आधार है. धान कूटने का यह स्थान बेहद पवित्र माना जाता है. इसको नंग्याते यानी लांघते नहीं हैं. यहां पर धान कूटने के अलावा मडुवा भी कूटा जाता है जिसको मडू फवण क... Read more
नैनीताल घूमने आयें तो इन जगहों पर जरूर जाएँ
कुमाऊँ क्षेत्र में नैनीताल जिले का विशेष महत्व है. देश के प्रमुख क्षेत्रों में नैनीताल की गणना होती है. यह ‘छखाता’ परगने में आता है. ‘छखाता’ नाम ‘षष्टिखात... Read more
समुद्र तल से 6000 फीट की ऊंचाई पर स्थित ‘मां भगवती कोकिला मंदिर’ की तस्वीरें
समुद्र तल से छः हजार फीट की ऊंचाई पर मौजूद है कनार गांव. कनार गांव जिसे की छिपलाकेदार का प्रवेश द्वार भी कहा जाता है. कनार गाँव में ही मां भगवती कोकिला का विख्यात मंदिर है. कनार गांव की बरम... Read more
कोटगाड़ी भगवती मंदिर की तस्वीरें
कामनापूर्ति मैया कोटगाड़ी भगवती का मंदिर थल कोटमन्या रोड पर स्थित पांखू के पास स्थित है. कोटगाड़ी मंदिर में भगवती सात्विक वैष्णवी रूप में पूजी जाती है. न्याय की देवी अधिष्ठात्री के... Read more
नववर्ष के दिन बोया जाता है ‘हरेला’
माना जाता है कि चैत्र प्रतिपदा से नये साल की शुरुआत होती है आज के दिन से ही नवरात्रि भी होती है. पहाड़ों में आज के दिन उपवास रखा जाता है और कुछ जगहों पर आज के दिन हरेला भी बोया जाता है. हरेल... Read more
गरुड़ ज्ञान चंद के समय चम्पावत के राजदरबार में बक्सी (सेनापति) के पद पर सरदार नीलू कठायत था. संभव है, वह सौन कठायत के वंश का हो. वह बड़ा बहादुर सेनापति था. राजा ने उसे हुक्म दिया कि वह तराई-... Read more