पहाड़ी माँ के जीवन की संघर्षगाथा
पांच दशक पूर्व तक पहाड़ में नारी के कठिन और संघर्षपूर्ण जीवन गाथा की आज कल्पना भी नहीं की जा सकती. उन दिनों गांव की अधिकांश महिलाओं को सुबह बिना कुछ खाए अथवा मंडूवे की रोटी का एक आधा टुकड़ा, ब... Read more
जीवन रचते व्यंग्य चित्र – 2
दुगड्डा, पौड़ी गढ़वाल में रहने वाले जागेश्वर जोशी मूलतः बाडेछीना अल्मोड़ा के हैं. वर्त्तमान में माध्यमिक शिक्षा में अध्यापन कार्य कर रहे हैं. शौकिया व्यंगचित्रकार हैं जनसत्ता, विश्वामान... Read more
बेरीनाग टू बंबई वाया बरेली भाग- 3
पिछली कड़ी से आगे… हैवलोक लाइन्स , मिलेट्री अस्पताल और सिकंदराबाद… कभी सोचिए, जो ज़िंदगी आपने जी तो हो और आपको बिलकुल भी याद ना हो? ऐसा शायद दो ही सूरत में होता है. जब आप की उम्र तीन-चा... Read more
दुनिया भर में पहुंचता है उत्तराखण्ड का मडुआ
जैसे-जैसे खाद्य पदार्थों में कीटनाशक पदार्थों का प्रयोग बढ़ता जा रहा है वैसे-वैसे लोगों का शरीर बीमारियों का घर बन गया है. मेडिकल रिपोर्ट्स के अनुसार सर्वाधिक बीमारी लोगों को खान-पान में मौजू... Read more
जब स्वराज पार्टी 1923 के चुनाव में वर्तमान उत्तराखण्ड की तीनों प्रांतीय सीटें जीती तो कौंसिल में गोविन्द वल्लभ पन्त को नया सदस्य होने के कारण पीछे की पंक्ति में सीट दी गयी. थोड़े समय बाद जब प... Read more
उत्तराखंड और 1923 का कौंसिल चुनाव
गांधी जी के असहयोग आन्दोलन वापस लेने के बाद सी.आर. दास और पंडित मोतीलाल नेहरू ने स्वराज पार्टी का गठन किया और दिसम्बर 1923 में घोषित चुनाव में भाग लिया. कुमाऊं में चुनाव के लिए उपयुक्त नेताओ... Read more
कालिदास की कल्पना का रहस्य लोक उत्तराखण्ड
राजधानी के चहल-पहल भरे वातावरण में आपाधापी, दौड़ धूप, भीड़-भाड़ और शहरी प्रदूषण की बीच जब कभी मन कल्पना के पंख लगाकर सुदूर कुमाऊं की पहाड़ियों में उड़कर पहुंचता है तो मन को कितनी शांति मिलती है,... Read more
भारत के अलग-अलग भागों में मंचन की जाने वाली रामलीलाओं में एक मुख्य समानता महिलाओं की सीमित भागीदारी होती है. रामलीला में महिला पात्र के किरदार तक पुरुषों द्वारा ही किये जाते हैं. लेकिन इसी व... Read more
हल्द्वानी के इतिहास के विस्मृत पन्ने – 18
आजादी के बाद और कुछ हुआ हो या ना हो मैं कोई नहीं जानता था जिन्हें कोई नहीं जानता था वह ऊंची सीढ़ियां चढ़ गए. लेकिन जो आजादी के लिए दीवानगी की हद तक पार कर गए उनकी स्मृतियां तक मिट गई हैं. हल... Read more
भौतिक विज्ञान के क्षेत्र में इस साल का नोबेल पुरस्कार अमेरिका के आर्थर एश्किन, फ्रांस के जेरा मुरू और कनाडा की डोना स्ट्रिकलैंड के बीच बांटा गया है. उनके आविष्कार से आंखों की सर्जरी में मदद... Read more