चंद शासकों ने अपनी खस प्रजा को नियंत्रित करने हेतु हिमांचल से योद्धा बुलाये थे. हिमांचल से बुलाये इन योद्धाओं को चंद शासकों ने अपनी सेना में सैनिक और ऊंचे पदों पर रखा. कुमाऊं में कांगड़ा और अ... Read more
अपनी आमा की बहुत याद आती है मुझे
बात सन् 1982 के शुरुआती दिनों की है जब आमा लोहे के सन्दूक में पूरा पहाड़ समेटकर वाया बरेली यहाँ आयी थी. साल – डेढ़ साल ही रही होंगी बरेली में ! वर्ष 1970 से पूर्व दो – तीन बार गर्... Read more
नंदाकोट पर्वत की तलहटी कुमाऊँ की प्रसिद्ध नदियों, सरयू व गोमती के तट पर बसा है दानपुर परगना. 1997 में बागेश्वर जिले में शामिल किये जाने से पहले तक दानपुर अल्मोड़ा जिले का हिस्सा हुआ करता था.... Read more
भीमताल और टूट चुके पत्थर का दर्द
शायद 69-70 के दशक की बात होगी, मैं तब भीमताल के एल. पी. इंटर कॉलेज में आठवीं या नवीं का छात्र रहा होउंगा. जून के आख़िरी सप्ताह या फिर जुलाई की शुरुवात थी. शाम के वक्त अचानक एक खबर सुनी, बाज़ार... Read more
अल्मोड़े में अपनी राजगद्दी छिनने के बाद चंद राजा मोहनचंद मदद के लिये जगह-जगह भटक रहा था. उसे गुजर के लिये 10 रुपये रोज के मिल रहे थे जिसमें उसकी गुजर कहां होनी थी. मोहन चंद मदद के लिये रामपुर... Read more
पहाड़ के जायके – 1 पढ़ाई-लिखाई पूरी करने के बाद वर्ष 1990-91 में पत्रकारिता की सांस्थानिक नौकरी में चला गया. पहले जिला चमोली के मुख्यालय गोपेश्वर और उसके बाद मेरठ. अखबारों की नौकरी में... Read more
सिंटोला पहाड़ों में बहुतायत से पाई जाने वाली एक चिड़िया का नाम है जिसे हमने अपने घर आगनों में न जाने कितने बार दाना चुगते हुए देखा है. न जाने कितने बार हमने उसे अपने आँगन में गाय-भैंस के ऊपर ब... Read more
उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल में पौड़ी जिले का ऐतिहासिक क़स्बा है श्रीनगर. अलकनंदा नदी के तट पर बसा श्रीनगर भारत के उन ऐतिहासिक स्थलों में माना जाता है जो 5000 साल पहले से विद्यमान हैं. इन सालों मे... Read more
दारमा घाटी की राजुला और उसकी अमर प्रेम गाथा
उतरा खण्ड भला देश एक छा भोटान हिमगिरी जड़ पर रमणीक स्थान. उति रनी बड़ा बड़ा व्यौपारी लै सेट भौत धनवान लोग बड़ा बड़ा पेट. सबु है सकर उति नौकौ सामान उमजि व्योपार हौछा आदान प्रदान. उति का रणीयां लोग... Read more
उत्तराखण्ड के गढ़वाल मंडल के रुद्रप्रयाग जिले में है भगवान शिव का मंदिर रुद्रनाथ. रुद्रनाथ पंचकेदारों में से एक है, इसे चौथा केदार माना जाता है. रुद्रनाथ में शिव के एकानन रूप यानि मुख की पूजा... Read more