अल्बानियाई जड़ों से कलकत्ते आई थी मदर
वर्ष 1910 में आज के दिन जन्मीं मदर टेरेसा को 1979 में नोबेल शान्ति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. युगोस्लाविया के स्कोप्ये नगर में जन्मीं मदर टेरेसा का वास्तविक नाम एग्नेस गोंक्सा बोयाक्स... Read more
पिथौरागढ़ के सतगढ़ और सुरुण गांव की हिलजात्रा
मेले और त्यौहार लोक-परम्पराओं को जीवित रखने में सबसे महत्वपूर्ण योगदान रखते हैं. इन दिनों पूरे पहाड़ में सातों-आठों का पर्व मनाया जा रहा है. सातों-आठों या सातूं-आठूं लोकपर्व का ही हिस्सा है ह... Read more
उत्तराखंड में सातों-आठों बहुत महत्व का त्यौहार माना जाता है. इन दो दिनों में गाँव की सभी युवतियां और महिलाएं गौरा और महेश (शिव और पार्वती) को पूजती हैं. गौरा और महेश की जिन आकृतियों की पूजा... Read more
उस रात नौगांव में हम लोग एक मकान में योजना बना रहे थे कि पटवारियों ने हमें घेर लिया और 14 लोगों को गिरफ्तार कर लिया. जब हमें दाडिमी गांव ले जाया गया तो गांव वालों ने हमें छोड़ देने के लिए कहा... Read more
1942 में आज ही के दिन हुई थी सालम क्रांति
‘भारत छोड़ो’ आंदोलन में कुमाऊं के जनपद अल्मोड़ा में स्थित सालम पट्टी का महत्वपूर्ण योगदान रहा है. अल्मोड़ा जनपद के पूर्वी छोर पर बसे सालम क्षेत्र को पनार नदी दो हिस्सों में बांटती है. यहां क... Read more
सातों-आठों और सातूं-आठूं दोनों ही पहाड़ में मनाये जाने वाले लोकपर्व के अलग-अलग उच्चारण हैं. कुमाऊं में अधिकांश क्षेत्रों में यह सबसे महत्वपूर्ण पर्व है. इस पर्व पर लोग नये कपड़े बनाने से लेकर... Read more
एक दौर था नैनीताल में – काली अचकन और सफेद चूड़ीदार पजामे में एक आकर्षक व्यक्तित्व आपको शाम के वक्त मालरोड पर हाथ में एक हस्तलिखित पर्चा थमाकर “कल गोष्ठी में जरूर आईयेगा’’ कहकर ग... Read more
भारत में गुरु को ईश्वर से अधिक कर दर्जा दिया जाता है. इसके बावजूद भारत में सरकारी स्कूल के शिक्षकों से जुड़ी बड़ी ख़राब खबरें आये दिन पढ़ने को मिलती हैं. उत्तराखंड में सरकारी स्कूलों का क्या हाल... Read more
गिर्दा का एक इंटरव्यू जिसे जरूर पढ़ा जाना चाहिये
गिरदा की 9वीं पुण्यतिथि पर वरिष्ठ पत्रकार ध्रुव रौतेला से वर्ष 2006 में प्रकाशित उनकी बातचीत का अंश : आप आखिर क्यों गैरसैंण के पीछे पड़े हुए हैं, किसके लिएॽ अब लड़ाई अपनों से है क्योंकि यह... Read more
उत्तराखंड में इन दिनों सातों आठों लोकपर्व की धूम है. सातों-आठों भाद्रपद मास की सप्तमी और अष्टमी को मनाया जाने वाला एक लोकपर्व है. भाद्रपद मास की पंचमी को बिरुड़ पंचमी कहते हैं. इस दिन पांच या... Read more