हिमालयी लोकगाथाओं में कृष्ण को नागों का राजा अर्थात नागराज कहा जाता है. कृष्ण के जन्म और बचपन को लेकर अनेक गीत गाये जाते हैं. Birth of Devki Kumaoni Folk Myth ऐसे ही एक गीत का सार नीचे दिया... Read more
घर पर ऐसे बनती है पहाड़ियों की जनेऊ
जन्यौ पुन्यू के अवसर पर आपके कुल पुरोहित आपको जनेऊ भेट करने अवश्य आयेंगे, यदि वे बाजार से खरीदकर जनेऊ आपको दे रहे हों तो बात अलग है अन्यथा यदि वे स्वयं अपने हाथ से बनी जनेऊ आपको भेंट करें ,... Read more
क्यों रखते हैं किसी के सिरहाने लोहे की दरांती
सभी जानते हैं मनुष्य जाति द्वारा लोहे का इस्तेमाल किये जाने से पहले प्रस्तर युग और कांस्य युग थे. यही कारण था कि जहाँ शुरुआती धार्मिक अनुष्ठानों में लोहे के प्रयोग को वर्जित माना जाता था वही... Read more
एक लड़की और उसका पति जो सर्प था – कुमाऊनी लोककथा
एक बार एक आदमी की एक पत्नी थी. आदमी उससे नाराज था. उसने खुद से कहा, “अगर मैं एक पत्थर को भी तोडूं तो मुझे दो पत्थर मिलते हैं लेकिन अपनी बीवी से मुझे कुछ नहीं मिलता. वह बेवकूफ और बेकार है.” ऐ... Read more
कका-काखी वाली मिठास अंकल-आंटी में नहीं आ सकती
भाषा एक ऐसा माध्यम है जिसके द्वारा हम किसी व्यक्ति के बारे में जान सकते हैं, उसे समझ सकते हैं, उससे जुड़ पाते हैं. यूँ तो दुनिया में कई भाषाएं हैं उन सभी का अपना-2 महत्व है, किंतु एक भाषा... Read more
भगवान बिनसर का आदि मंदिर
पर्वतों की शोभा और सौन्दर्य के समक्ष विश्व के आश्चर्यजनक चमत्कार निष्प्रभ लगने लगते हैं, उनकी रमणीयता अपने में अनूठी है. बिनसर का भ्रमण मुझे इस तथ्य की प्रमाणता सिद्ध करता है. मैं दिल्ली विश... Read more
हुड़किया जागर, डमरिया जागर और मुरयो जागर
जमाना वीर लोगों को सम्मान देता है. उनके शौर्य, साहस और पराक्रम की गाथाओं को हर पीढ़ी अगली पीढ़ी को सौगात के रूप में भेंट कर जाती हैं. यही कथाएं लोक गायक सुरीले स्वरों के आरोह अवरोह में बांध... Read more
देवभूमि उत्तराखंड में गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट सादगी पूर्ण तरीके से खोले गए. गंगोत्री एवं यमुनोत्री धाम के कपाट जहां प्रतिवर्ष हर्षोल्लास के साथ कपाट खोले जाते हैं. इस बार देश में ल... Read more
सदेई : भाई-बहिन के निश्छल प्रेम की अमर गाथा
गढ़वाल में चैत के महीने गायी जाने वाली चैती गाथाओं में सदेई का विशिष्ट स्थान है. सदेई की गाथा में दाम्पत्य-प्रेम या परकीया प्रेम का कोई प्रसंग नहीं है. ये गाथा पूरी तरह सहोदर भाई-बहिन के पवि... Read more
द्रोणागिरि के लोग आज भी क्यों भगवान हनुमान से नाराज हैं : तीस साल पुरानी रिपोर्ट
प्रकाश पुरोहित जयदीप द्वारा लिखा गया ये आलेख बहुत लोकप्रिय है. नब्बे के दशक में लिखे गये इस आलेख के बाद द्रोणागिरि बहुचर्चित हो गया था. दर्जनों वेबसाइट्स, पोर्टल्स और पत्रिकाओं में इस आलेख क... Read more