पिथौरागढ़ को सोर घाटी क्यों कहते हैं
पिछली कड़ी : पिथौरागढ़ जिले का नामकरण प्रथमतः पिथौरागढ़ के नामकरण को पढ़ने के बाद अब उसकी प्राचीनता की ओर बढ़ते हैं. पिथौरागढ़ को सोर घाटी कहा जाता है यहां यह जान लेना भी उचित होगा कि आखिर ये... Read more
जब 500 रुपये का जुर्माना हुआ दानसिंह मालदार पर
गोविन्द राम काला की शानदार किताब ‘मेमोयर्स ऑफ़ द राज’ के कई अंशों का अनुवाद आप काफल ट्री पर पढ़ चुके हैं. आज पढ़िए अपनी इस पुस्तक में पिथौरागढ़ के मालदार परिवार को लेकर गोविन्द राम काला ने क... Read more
अल्मोड़े का प्यारा पानी
अल्मोड़ा के सुनार मोहल्ले में एक पुरानी दुकान है – श्याम लाल हीरा लाल एंड संस. इस दुकान की स्थापना 1885 में हुई थी. श्याम लाल साह जो मोती लाल साह के पुत्र थे, के तीन बेटे हुए – हीरा लाल साह,... Read more
पिथौरागढ़ जिले का नामकरण
24 फरवरी 1960 को जिले के रूप में अस्तित्व में आये दो देशों से सीमा बनाने वाला क्षेत्र पिथौरागढ़ अपनी प्राचीन सभ्यता को समेटे अग्रसर है. देवभूमि वैसे तो अपनी खूबसूरत वादियों के लिये जगतविख्या... Read more
आज जानिये जी.आई.सी. पिथौरागढ़ स्कूल का इतिहास
1925 के आस पास पहली बार पिथौरागढ़ में उच्च माध्यमिक स्कूल खोलने का विचार सूबेदार मेजर भवान सिंह सौन के मन में आया. उन्होंने कुमाऊं बटालियन के ऑफिसरों का ध्यान इस ओर दिलाया.बटालियन के कमांडिं... Read more
ब्रह्मपुर चौथी व छठी-सातवीं शताब्दी के मध्य में उत्तराखण्ड के पर्वतीय राज्य की राजधानी हुआ करती थी. इतिहासकारों के अनुसार गुप्त साम्राज्य के पतन के बाद उत्तरी भारत में पैदा हुए छोटे-छोटे राज... Read more
उत्तराखण्ड में स्थित अल्मोड़ा जनपद का पश्चिमी सीमावर्ती इलाका सल्ट कहलाता है. तीखे ढलान वाले रुखे-सूखे पहाड़, पानी की बेहद कमी, लखौरी मिर्च की पैदावार और पशुधन के नाम पर हष्ट-पुष्ट बैल इस इल... Read more
चंदवंश के संस्थापक के विषय में बहस क्यों है
कुछ साल पहले यूके.एस.एस.सी ने एक प्रतियोगी परीक्षा में चंद वंश का संस्थापक पूछा था. इसके जवाब में दिए विकल्पों में सोमचंद और थोहरचंद, के साथ दो अन्य शासकों के नाम दिये थे. यूके.एस.एस.सी द्वा... Read more
उत्तराखण्ड के स्वतंत्रता संग्राम आन्दोलन के सूत्रपात में प्रमुखतया महात्मा गांधी की भूमिका मानी जाती है. राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस के कार्यक्रमों व अधिवेशनों में उत्तराखण्ड के व्यक्तियों की... Read more
2 सितम्बर मसूरी गोलीकाण्ड के शहीद
उत्तराखण्ड राज्य निर्माण के आन्दोलन में मसूरी का ख़ास योगदान रहा है. इस आन्दोलन में मसूरी निवासियों के बलिदानों को कभी भुलाया नहीं जा सकता. 1 सितम्बर को 1994 को खटीमा में हुए बर्बर गोलीकांड... Read more