उत्तराखंड की संस्कृति
उत्तराखंड, जिसे प्यार से “देवभूमि” कहा जाता है, उस अद्भुत सांस्कृतिक विविधता, परंपराओं और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध इस पहाड़ी राज्य की संस्कृति में लोगों की सादगी, प्रकृत... Read more
आज मनाया जाता है दसौर यानी गंगा दशहरा पर्व
पहाड़ों में इसे दसार या दसौर भी कहते हैं. दसार या दसौर यानी गंगा दशहरा. उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में इस पर्व की खूब मान्यता है. इस वर्ष गंगा दशहरा 16 जून को पड़ रहा है. कुमाऊं क्षेत्र के ह... Read more
आज फूलदेई है
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree आज फूलदेई है, प्रकृति की गोद में पलने और बढ़ने वाले पहाड़ियों का पर्व फूलदेई. प्रकृति का हर रंग पहाड़ियों के जीवन में मौजूद... Read more
राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी) का भारत रंग महोत्सव आज से नैनीताल जिले के रामनगर में शुरू होने जा रहा है. विश्व का सबसे बड़ा थिएटर फेस्टिवल इस साल 1 फ़रवरी को मुंबई से शुरू हुआ था. यह भारत... Read more
रामनगर में दुनिया का सब से बड़ा नाट्य उत्सव
‘वसुधैव कुटुंबकम-वंदे भारंगम’ की टैगलाइन के साथ दुनिया के सबसे बड़े नाट्य महोत्सव का 24वां संस्करण एक फ़रवरी से देश के 15 शहरों में आयोजित किया जा रहा है. भारंगम-24 के दौरान देश के... Read more
क काथ: लछू कुठ्यारीक च्याल
भौत पैलियकि बात छ. एक गौं में लछू कुठ्यारीक नूंक एक विद्वान बामण रूनेर भा. जो भौत पढ़ी लेखी और भाल मैस लै भा. इलाक में उनरी भौत इज्जत भै. पर पूरब जनमाक करमनि लछू कुठ्यारीक एक एक कै छ च्... Read more
‘काफल ट्री फाउंडेशन’ आप सभी को आमंत्रित करता है प्रेमचंद की कहानी बड़े भाई साहब की नाट्य प्रस्तुति देखने के लिए. प्रमचंद की यह कहानी अपने समय की शिक्षा पद्धति पर गहरा प्रहार थी, ज... Read more
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree गणतंत्र दिवस 2024 की परेड में पिथौरागढ़ की हिलजात्रा कर्तव्य पथ पर उत्तराखण्ड की संस्कृति के रंग बिखेरने जा रही है. भाव राग... Read more
इस तरह से बनाए जाते हैं परंपरागत ऐपण
उत्तराखंड राज्य का कुमाऊं मण्डल अपने आप में पौराणिक परंपराओं व समृद्ध संस्कृति की विरासत सहेजे हुए हैं. इस बात का अंदाजा आप कुमाऊं के घरों के प्रवेश द्वार को देखकर ही लगा सकते हैं, जहां द्वा... Read more
अद्भुत है बागेश्वर का यह गुफा मंदिर
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree बागेश्वर जिला मुख्यालय से करीब आठ किमी की दूरी पर एक गांव है पुरकोट. बागेश्वर-कपकोट सड़क मार्ग में बालीघाट से पुरकोट के लिय... Read more