काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले में एक खूबसूरत सा शहर है श्रीनगर. जिसके आसपास कई दर्शनीय स्थल हैं. कुछ सालों से खिर्सू के पर... Read more
पहाड़ों की शक्ति और सौंदर्य स्त्रियों से है
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree पिछली कड़ी : कालीमठ यात्रा वृतांत एक साल पहले वे शारदीय नवरात्र के दिन थे भास्कर मैंने कुछ तस्वीरों वीडियो के साथ मैसेज किया... Read more
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree ‘बाहर का कमरा उत्सुक और प्रसन्न चेहरों से अट जाता है. कोई अपने घर से बनी च्यक्ती (स्थानीय शराब) लाया है, कोई कुछ मीठा पकवान... Read more
पौराणिक तीर्थस्थल श्री सेम मुखेम
भारत वर्ष के अन्तर्गत हिमालय क्षेत्र की अपनी विशिष्ट भौगोलिक बनावट होने के कारण यहाँ क्षेत्र देश के अन्य भागों से अपने आप में अपनी अलग ही पहचान बनाये हुए है. हिमालय के हिमाच्छादित उच्च शिखर... Read more
रुद्रनाथ मंदिर की यात्रा: हिमालय में आध्यात्मिकता और प्राकृतिक सौंदर्य का संगम
हिमालय अपने ऊँचे शिखरों और अद्भुत दृश्यों के साथ हमेशा से आध्यात्मिकता और साहस की खोज करने वालों के लिए एक विशेष आकर्षण रखता है. हाल ही में, मैंने रुद्रनाथ मंदिर की ओर अपनी यात्रा की शुरुआत... Read more
मालरोड मसूरी
मसूरी ने जब भी मुझे बुलाया मैंने अविलंब उसके अनुभूत सौंदर्य को पुनः अपने दृगों पर संजोया. मसूरी मोहताज कहां है प्रशंसा की? अनगिनत सैलानी आते हैं यहां दूनघाटी और शिवालिक की पहाड़ियो... Read more
किसी कुशल चित्रकार की रचना की तरह प्रकृति कदम-कदम पर अपने मनोहारी और विविध दृश्यों से चौंका देती है. कड़ाके की ठंड में भी आपको गर्म पानी के सोते मिल जाएंगे. एक तरफ गगनचुंबी वनस्पति रहित शुष्... Read more
एक पहाड़ी के साथ कभी-कभी ऐसा भी हो सकता है
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree पिथौरागढ़ शहर से लगे देवकटिया के जंगल की ऊंचाई ज्यादा नहीं है पर चढ़ने लगो तो थोड़ी साँस फूलती ही है. और अब तो अंधेरा भी हो... Read more
ओंकारेश्वर मंदिर
एक सुकून भरी सुबह है. देवरिया ताल और तुंगनाथ ट्रैक हमने सफलतापूर्वक जो कर लिये हैं. चाय का कप हाथ में लिए पोतीबासा होटल की दूसरी मंजिल की बालकनी में बैठकर मैं दूर तलक फैले गहरे हरे रंग के जं... Read more
ऐसी थी काठगोदाम से अल्मोड़ा की पैदल राह
बरेली शहर स्टेशन से काठगोदाम आने वाली दो ट्रेने एक सवेरे छः बजे और दूसरी रात के दस ग्यारह बजे छूटती है. पहली दिन के 12 बजे के करीब काठगोदाम पहुंचा देती है और दूसरी सवेरे पांच बजे के करीब. या... Read more