जोहार घाटी का सफ़र भाग – 8
पिछली कड़ी मौसम को करवट बदलते देख वापस हो लिए. मर्तोली गांव की गलियों में भटकने लगे. जिन गलियों में कभी बच्चे चहकते होंगे वो गलियां सूनसान सोयी हुवी सी महसूस हुवी. 200 मवासों का गांव आज सूनसा... Read more
जोहार घाटी का सफ़र भाग – 7
पिछली कड़ी सुबह बारिश ने जोर पकड़ लिया था. बारिश रूकने का इंतजार करने लगे. लखनऊ की ज्योलोजिकल सर्वे आफ इंडिया की टीम भी बगल में ही रूकी थी. दो माह मिलम ग्लेशियर में शोध करने के बाद अभी वो नीच... Read more
जोहार घाटी का सफ़र भाग – 6
पिछली क़िस्त का लिंक – जोहार घाटी का सफ़र – 5 मुनस्यारी को जोहार घाटी का प्रवेश द्वार भी कहा जाता है. मुनस्यारी तिब्बत जाने का काफी पुराना रास्ता है. उस वक्त जब तिब्बत से व्यापार होता था... Read more
ट्रेल पास अभियान भाग – 5
पिछली कड़ी पिण्डारी कांठा में चार दिन पांच अक्टूबर के प्रातः ही चाय के पश्चात् चन्दोल, तेवारी, शाहजी और कीर्तिचन्द दो कुलियों को साथ लेकर आगे निकल गये. ग्यारह बजे हमने भी प्रस्थान किया. तख्ता... Read more
ट्रेल पास अभियान भाग – 4
पिछली कड़ी 30 सितम्बर के प्रातः एक नेपाली कुली को अल्यूमीनियम की सीढ़ी के शीघ्र बुढ़ियागल के नाले तक पहुंचाने हेतु भेजा गया, साथ में दो सदस्य भी सहायक के रूप में गये. राजेश शाह, राकेश शाह और कि... Read more
ट्रेल पास अभियान भाग – 3
पिछली कड़ी दूसरे दिन प्रातः चाय के पश्चात् शाह जी थ्रीश कपूर और मैं पुनः खाती गांव गये. कुलियों के लिये राशन तथा आलू खरीदा गया. कपूर साहब विडिया फिल्म लेना चाहते थे. परन्तु बैट्री डाउन होने क... Read more
ट्रेल पास अभियान भाग – 2
पिछली कड़ी पहली जून 1994 को जब अस्कोट-आराकोट अभियान दल मुनस्यारी पहुंचा, दल के अधिकांश सदस्य मेरे पूर्व परिचित मित्र थे. उनके आवास तथा भोजन की उचित व्यवस्था की गई. मैंने लेह-लद्दाख भ्रमण का क... Read more
जोहार घाटी का सफ़र भाग – 5
पिछली क़िस्त का लिंक – जोहार घाटी का सफ़र -4 ‘मामा अब नहीं आएंगे हम ट्रैकिंग में… ! मिलम गांव से मुनस्यारी को वापस आते वक्त नितिन के ये शब्द मुझे मुनस्यारी पहुंचने तक कचोटते रहे. ऐ... Read more
पाताल भुवनेश्वर की यात्रा
उत्तराखण्ड की पावन भूमि आदिकाल से ही मानव सभ्यता का गढ रही है. मनीषीयों, विद्वानों, साधु-सन्तों, विचारकों और तपस्वियों की जन्मभूमि और कर्मभूमि रही है. वेद पुराणों में उत्तराखण्ड का व्यापक उल... Read more
चित्रकूट की यात्रा
मैं चित्रकूट से तब से वाकिफ हूं जब मैं पांचवी कक्षा में पढ़ती थी. जानते हैं कैसे? दरअसल मेरे पापा कहानियां बहुत सुनाते हैं तो चित्रकूट की जानकारी भी कहानी के उसी खजाने का हिस्सा थी. अद्भुत... Read more