छूटा पीछे पहाड़- पथरीली राहों के बीच उड़ान और यादों का बहुरंगी गुलदस्ता मंजिलें जितनी आकर्षक लगती हैं, राहें उतनी आसान हुआ नहीं करती. पग-पग पर रूकावटें, चुनौतियां, इनसे खुद ही जूझना होता है,... Read more
आज दिन है हिंदी कथा साहित्य को एक नई दिशा देने वाले हिंदी कहानी के वास्तविक जनक पंडित चंद्रधर शर्मा गुलेरी को याद करने का. लहना सिंह के प्रेम त्याग व बलिदान के अमर गायक पंडित चंद्रधर शर्मा ग... Read more
आज कबूतरी देवी जिंदा होती तो? बीमारी की वजह से अस्पताल के चक्कर काट रही होतीं, उनके परिजन मिन्नतें कर रहे होते. संस्कृति विभाग से मिलने वाली मामूली पेंशन का 6 महीने तक इन्तजार कर रही होतीं.... Read more
सोमेश्वर से धान की रोपाई की जीवंत तस्वीरें
पहाड़ में रोपाई उत्सव, हुड़किया बौल – जुलाई 2022, सोमेश्वर, अल्मोड़ा, उत्तराखंड. बरसात के मौसम के साथ ही शुरू हो गया है उत्तराखंड के पहाड़ों और खेतों में रोपाई का उत्सव, लोकपर्व. हुड़क... Read more
हरेला कब बोते हैं
हरेला प्रकृति से जुड़ा एक लोकपर्व है जो उत्तराखंड के पहाड़ी समाज द्वारा मनाये जाने वाले पर्वों में सबसे महत्वपूर्ण है. उत्तराखंड का पहाड़ी समाज हरेला साल में तीन बार मनाता है. यह इस वर्ष का... Read more
उत्तराखण्ड के शौका
देवभूमि उत्तराखंड के सीमांत जनपद पिथौरागढ़ के धारचूला एवं मुनस्यारी तहसील क्षेत्र में रहने वाली जनजाति (मूलनिवासी) अपने क्षेत्र की अन्य जातियों द्वारा शौका नाम से जाने जाते हैं. माना जाता ह... Read more
एक दिन यूं ही बैठे-बैठे ईश्वर ने अपनी लीला रची और बना दिये खूब सारे जीव, नदी-नाले, पर्वत-पहाड़, समुद्र और पेड़-पौंधे. पेड़ की पत्तियों को भरा हरे रंग से, पहाड़ों को भरा पेड़ों से और उनके बीच... Read more
रोपाई और हुड़किया बौल
आजकल पहाड़ों में धान की रोपाई का मौसम है. उत्तराखंड में धान की बुआई के लिये लगाई जाने वाली रोपाई जिसे गढ़वाल में रोपणी भी कहते हैं, सामूहिक भागीदारी की मिसाल है. इस दौरान गांव में उत्सव का स... Read more
उत्तराखंड से ताल्लुक रखने वाली अभिनेत्रियां जो अदाकारी से ख़ास मुकाम हासिल कर चुकी हैं
पहाड़ अपनी प्राकृतिक खूबसूरती के लिये तो जाने ही जाते हैं साथ में जाने जाते हैं ख़ास स्त्री सौन्दर्य के लिए. पहाड़ की स्त्रियों के सौन्दर्य के चर्चे आज से 200 सौ साल पहले सात समुद्र पर तक हु... Read more
लंबे समय में प्रशासनिक एवं राजनैतिक रूप से उपेक्षित पहाड़ के सुदूरवर्ती गांवों में भी विज्ञान एवं तकनीकी का एक समृद्ध स्वरूप विकसित होता रहा है. यहां भी लोक के अपने हरफनमौला शिल्पी रहे हैं ज... Read more