यह है नैनीताल की लोअर माल रोड की हकीकत
नैनीताल की लोअर माल रोड के एक हिस्से के धंस जाने की खबर पुरानी पड़ती जा रही है. इस दुर्घटना के बाद से ही इसे और इस बहाने नैनीताल को बचाना शासन और कोर्ट-कचहरी से लेकर वैज्ञानिकों और नीतिनिर्मा... Read more
आई ज़ंजीर की झनकार ख़ुदा ख़ैर करे
दुनिया में कामयाबी के लिए काबिलियत होना जितना जरुरी है उतना ही जरुरी किस्मत का होना भी है. कभी-कभी जिंदगी कितना हैरान करती है! किसी को पूरी जिंदगी मेहनत करने के बाद भी वो मक़ाम हासिल नहीं होत... Read more
तर्क नहीं धारणा से पलता है हमारा समाज
घोषित तौर पर स्वच्छता और शौचालय वर्तमान सरकार का प्राथमिक एजेंडा है. इस पर सबसे ज्यादा जोर दिया जाता रहा है. यह इसके बावजूद है कि कई अन्य बुनयादी क्षेत्रों के साथ-साथ निरक्षरता और अशिक्षा भा... Read more
हमारे यहां सड़क पर बाएं ही क्यों चलते हैं?
दिन में तारे कहाँ जाते हैं? रात को सूरज कहाँ जाता है? पुलिस खाकी वर्दी क्यों पहनती है? साबुन में झाग क्यों बनता है? पत्ते हरे क्यों होते हैं? बादल में पानी कौन भरता है? आदि बाल जिज्ञासा से ज... Read more
गीतकार शैलेन्द्र को याद करने का दिन है आज
30 अगस्त 1923 को रावलपिंडी में जन्मे थे गीतकार शंकर शैलेन्द्र. उनका मूल गांव धुसपुर बिहार के आरा जिले में पड़ता है. उनके पिता केसरीलाल राव रावलपिन्डी के ब्रिटिश मिलिट्री हस्पताल में ठेकेदारी... Read more
शऊर हो तो सफ़र ख़ुद सफ़र का हासिल है – 4
अमित श्रीवास्तव उत्तराखण्ड के पुलिस महकमे में काम करने वाले वाले अमित श्रीवास्तव फिलहाल हल्द्वानी में पुलिस अधीक्षक के पद पर तैनात हैं. 6 जुलाई 1978 को जौनपुर में जन्मे अमित के गद्य की शैली... Read more
डीएसबी की एनसीसी कथा
सन 1962-64 के दौरान नैनीताल के डी एस बी कालेज में पढ़ते समय मैंने और मेरे दोस्त नवीन भट्ट ने एनसीसी भी ले ली. उन दिनों एनसीसी लेना अनिवार्य नहीं था. कड़े अनुशासन का पालन किया जाता था और गलती य... Read more
शऊर हो तो सफ़र ख़ुद सफ़र का हासिल है – 3
अमित श्रीवास्तव उत्तराखण्ड के पुलिस महकमे में काम करने वाले वाले अमित श्रीवास्तव फिलहाल हल्द्वानी में पुलिस अधीक्षक के पद पर तैनात हैं. 6 जुलाई 1978 को जौनपुर में जन्मे अमित के गद्य की शैली... Read more
जोगी और गौरा की कथा
दिन भर रुक रुक कर बारिश और उसके साथ बर्फ पड़ती रही.माँ और दादी नंगे पैर पनदेरे से गागर में पानी सारते रहे.पूरे घर के लिए और गाय बाछी के लिए. दोनों के पैर ठंडी से नीले हो गए. दादा जी ने ओबरे म... Read more
डी एस बी कॉलेज के वे दिन
देवेंद्र मेवाड़ी लोकप्रिय विज्ञान की दर्ज़नों किताबें लिख चुके देवेन मेवाड़ी देश के वरिष्ठतम विज्ञान लेखकों में गिने जाते हैं. अनेक राष्ट्रीय पुरुस्कारों से सम्मानित देवेन मेवाड़ी मूलतः उत्तराखण... Read more


























