हमारे यहां सड़क पर बाएं ही क्यों चलते हैं?
दिन में तारे कहाँ जाते हैं? रात को सूरज कहाँ जाता है? पुलिस खाकी वर्दी क्यों पहनती है? साबुन में झाग क्यों बनता है? पत्ते हरे क्यों होते हैं? बादल में पानी कौन भरता है? आदि बाल जिज्ञासा से ज... Read more
गीतकार शैलेन्द्र को याद करने का दिन है आज
30 अगस्त 1923 को रावलपिंडी में जन्मे थे गीतकार शंकर शैलेन्द्र. उनका मूल गांव धुसपुर बिहार के आरा जिले में पड़ता है. उनके पिता केसरीलाल राव रावलपिन्डी के ब्रिटिश मिलिट्री हस्पताल में ठेकेदारी... Read more
शऊर हो तो सफ़र ख़ुद सफ़र का हासिल है – 4
अमित श्रीवास्तव उत्तराखण्ड के पुलिस महकमे में काम करने वाले वाले अमित श्रीवास्तव फिलहाल हल्द्वानी में पुलिस अधीक्षक के पद पर तैनात हैं. 6 जुलाई 1978 को जौनपुर में जन्मे अमित के गद्य की शैली... Read more
डीएसबी की एनसीसी कथा
सन 1962-64 के दौरान नैनीताल के डी एस बी कालेज में पढ़ते समय मैंने और मेरे दोस्त नवीन भट्ट ने एनसीसी भी ले ली. उन दिनों एनसीसी लेना अनिवार्य नहीं था. कड़े अनुशासन का पालन किया जाता था और गलती य... Read more
शऊर हो तो सफ़र ख़ुद सफ़र का हासिल है – 3
अमित श्रीवास्तव उत्तराखण्ड के पुलिस महकमे में काम करने वाले वाले अमित श्रीवास्तव फिलहाल हल्द्वानी में पुलिस अधीक्षक के पद पर तैनात हैं. 6 जुलाई 1978 को जौनपुर में जन्मे अमित के गद्य की शैली... Read more
जोगी और गौरा की कथा
दिन भर रुक रुक कर बारिश और उसके साथ बर्फ पड़ती रही.माँ और दादी नंगे पैर पनदेरे से गागर में पानी सारते रहे.पूरे घर के लिए और गाय बाछी के लिए. दोनों के पैर ठंडी से नीले हो गए. दादा जी ने ओबरे म... Read more
डी एस बी कॉलेज के वे दिन
देवेंद्र मेवाड़ी लोकप्रिय विज्ञान की दर्ज़नों किताबें लिख चुके देवेन मेवाड़ी देश के वरिष्ठतम विज्ञान लेखकों में गिने जाते हैं. अनेक राष्ट्रीय पुरुस्कारों से सम्मानित देवेन मेवाड़ी मूलतः उत्तराखण... Read more
अकेलेपन का दर्द बूढ़े होकर ही जानेंगे हम
सुन्दर चन्द ठाकुर कवि, पत्रकार, सम्पादक और उपन्यासकार सुन्दर चन्द ठाकुर सम्प्रति नवभारत टाइम्स के मुम्बई संस्करण के सम्पादक हैं. उनका एक उपन्यास और दो कविता संग्रह प्रकाशित हैं. मीडिया में ज... Read more
नैनीताल को बर्बाद होना है, हो कर रहेगा
पिछले साल बरसातों में नैनीताल की मॉलरोड का ढहना एक प्रतीक्षित हादसा था. इसे ढहना ही था, ढह गयी. शायद किसी भी ऐसे सामान्य समझ वाले व्यक्ति को आश्चर्य नहीं हुआ होगा जिसे प्रकृति और पहाड़ की थोड़... Read more
स्क्रीन से परे वे सगी बहनें थीं
पुस्तक समीक्षा किताब: मीना कुमारी – अ क्लासिक बायोग्राफ़ी’लेखक: विनोद मेहताप्रकाशक: हार्पर कॉलिन्स 1972 में छपी विनोद मेहता की किताब ‘मीना कुमारी – अ क्लासिक बायोग्राफ़ी’ आज के फिल्मप्रेमी य... Read more