सूरज की मिस्ड काल – 8
धूप का चौकोर टुकड़ा सुबह का समय है. कमरे के बाहर बरामदे में धूप का चौकोर टुकड़ा अससाया सा लेटा है. धूप के टुकड़े को देखते ही मन किया कि इस चतुर्भुज का क्षेत्रफ़ल निकाला जाये. लम्बाई करीब ढेड़ मीट... Read more
कहो देबी, कथा कहो – 2
पिछली कड़ी वे संगी-साथी हां तो सुनो, कक्षा में मेरे एक-दो दोस्त बन गए, लेकिन निवास पर मैं अलग-थलग-सा पड़ गया. भीतर के कमरे के सीनियर कुछ अलग जैसे रहते थे. उनके और मेरे कमरे के बीच कांच लगी एक... Read more
माफ़ करना हे पिता – 3
(पिछली क़िस्त: माफ़ करना हे पिता – 2) एक दिन सुबह के वक्त मैं खेलता हुआ मकान मालिक के आँगन में जा पहुँचा. सामने रसोई में श्रीराम कुछ तल-भुन रहा था और मुझ से भी बतियाता जा रहा था. तभी अचा... Read more
रहस्यमयी झील रूपकुंड तक की पैदल यात्रा – 3
(पिछली क़िस्त का लिंक – रहस्यमयी झील रूपकुंड तक की पैदल यात्रा – 2) सुनसान बुग्याल में मुझे दो युवा चरवाहे भेड़ चराते दिखे. मैंने हँसते हुए पूछा – बस एक ही भेड़. उनमें से एक न... Read more
तुझे वहां से भला कैसे लेकर आऊंगा
बहन ने कहा -चंद्रभूषण पानी खींचने की प्रतियोगिता चल रही थी कोई विजेता खड़ा था, जिसका नाम भूल गया फिर अगले साल एक और चैंपियन गोखड़ करके लेकिन साफ-साफ दिखा दोनों बार कि पानी उनके आगे डेढ़ेक बा... Read more
प्रेमचंद की याद
हिंदी भाषा के सबसे बड़े रचनाकार के रूप में आज भी प्रेमचंद की ही मान्यता है. हिंदी गद्य को आधुनिक रूप देकर उसे आम जन के बीच लोकप्रिय बनाने का काम उनका बहुत ख़ास है. प्रेमचंद ने न सिर्फ विविध वि... Read more
सिंसूण अर्थात बिच्छू घास की कथा
मध्य हिमालय के उत्तराखंड में बसा पौराणिक मानसखंड कुमाऊँ मंडल तथा केदारखंड गढ़वाल मंडल जो अब उत्तराखंड के नाम से जाना जाता है, अपनी प्राकृतिक वन सम्पदा के लिये देश-विदेश में सदियों से प्रसिद्... Read more
माफ़ करना हे पिता – 2
(पिछली क़िस्त: माफ़ करना हे पिता – 1) इसी कोठरी में मुझसे तीनेक साल छोटी बहन लगभग इतनी ही उम्र की होकर गुजर जाती है. उससे कुछ समय बाद, जब एक दोपहर पिता मुझे डॉक्टर के पास ले गये थे. बीमा... Read more
रहस्यमयी झील रूपकुंड तक की पैदल यात्रा – 2
(पिछली क़िस्त का लिंक – रहस्यमयी झील रूपकुंड तक की पैदल यात्रा – 1) मेरे पहुँचते ही मुझे चाय मिल गयी. इस समय चाय से ज्यादा जरूरत हाथ-मुँह धोने के लिये ठंडे पानी की है इसलिये मैं प... Read more
फ़ीके रंग वाला फूल कितने आक्रामक लगते है ये चटख रंग. कांच के टुकड़ों की तरह आँखों में घुसे जाते हैं. गमलों में उगे कोमल और कृशकाय पौधों पर किसने इतने गहरे रंग के फूल उगा दिए? क्या जंगल में भी... Read more