हिंदी में लुगदी, पेशेवर और श्रेष्ठ साहित्य का विभाजन थोड़ा-सा चर्चित हो जाने के बाद हिंदी का लेखक बहुत तेजी-से अपने खोल में घुस जाता है. उसकी दुनिया बन जाती है: वो खुद, उसके हमप्याला दोस्त... Read more
अल्मोड़े के हुक्का क्लब की रामलीला – फोटो निबन्ध
हुक्का क्लब 1930 से प्रतिवर्ष अल्मोड़ा में रामलीला का आयोजन करता आ रहा है. इस विश्व प्रसिद्ध रामलीला के 2018 के आयोजन की फोटो जयमित्र सिंह बिष्ट द्वारा. जयमित्र सिंह बिष्ट अल्मो... Read more
पहाड़ों का राष्ट्रीय खेल दहल पकड़
दशहरा त्यौहार के दौरान नगर-नगर ग्राम-ग्राम में दबा कर द्यूतक्रीड़ा होती है. इस क्रीड़ा का पहाड़ों में विशेष महात्म्य माना गया है और दहलपकड़ का नाम इसके प्रतिनिधि प्रारूप के रूप में सैकड़ों वर्षों... Read more
अंतर देस इ उर्फ़… शेष कुशल है! भाग – 3
पिछली कड़ी गुडी गुडी डेज़ -अमित श्रीवास्तव उन दिनों कोई ख़बर बम की तरह नहीं फूटती थी. सिलिर-सिलिर जलती रहती. बीच-बीच में कोई सूखा समय देख कर झर्रर से लपक उठती फिर धीरे-धीरे राख़ सी बैठ जाती. पून... Read more
कहो देबी, कथा कहो – 4
पिछली कड़ी नवीन और मैंने एन सी सी भी ले ली. एन सी सी की अपनी प्लाटून की परेड के दौरान एक दिन सावधान!…विश्राम! के बाद सुस्ताते समय एक कैडेट ने धीरे से पूछा, “तुम देवेन एकाकी हो?” मैंने उ... Read more
अल्मोड़े का दशहरा
अल्मोड़ा नगर में पुतले बनाने की परंपरा की शुरूआत कब हुई इसके बारे में कुछ पता नहीं है हुक्का क्लब अल्मोड़ा से निकलने वाली पत्रिका ‘पुरवासी’ के एक अंक में 1930 में बनाए गए रावण के... Read more
बुरा मान गए हमारे पितर
चौमास बीता. श्राद्ध भी बीत गए. आस पास के बृत्ति ब्राह्मणों के साथ घर के बड़े बूढ़े, कच्चे बच्चे सब श्राद्धों का खाना खा के तृप्त थे. खेतों सग्वाडो में कद्दू पक के पीले पड़ गए. ककड़ियां पीली लाल... Read more
साझा कलम : 12 सुनील कुमार
[एक ज़रूरी पहल के तौर पर हम अपने पाठकों से काफल ट्री के लिए उनका गद्य लेखन भी आमंत्रित कर रहे हैं. अपने गाँव, शहर, कस्बे या परिवार की किसी अन्तरंग और आवश्यक स्मृति को विषय बना कर आप चार सौ से... Read more
पुट्टन चाचा और पाउट्स वाली चाची
पहली बार पहाड़ जाकर पुट्टन चाचा वापस आए तो सबसे पहले अपनी फेसबुक प्रोफाइल में खुद के बारे में लिखा- ‘अ ट्रैवलर- इन सर्च ऑफ लाइफ.’ प्रोफाइल फोटो में खाई किनारे खड़ी एक पहाड़ी सेल्फी लगाई और क... Read more
चादर ट्रेक लद्दाख क्षेत्र : एक फोटो निबंध
चादर ट्रेक लद्दाख क्षेत्र के जमी हुई ज़ंस्कार नदी के ऊपर सर्दियों में की जाने वाली एक दुर्गम ट्रेकिंग है. जंस्कार घाटी कि खड़ी चट्टानों की ऊंचाई 600 मीटर तक है और कुछ स्थानों में इसकी चौड़ाई... Read more