कोई कह सकेगा उसे कि मुझे एक ऐसा क़लम लाकर दे दे
मुझे विश्वास होता जा रहा है कि इस श्राप का तोड़ जालंधर वाले बूढ़े के पास ही है … .शाम से याद कर रही हूं लेकिन नाम याद नहीं आ रहा उसका. दो साल पहले जनवरी में ही तो मिला था पहली और शायद... Read more
अंतर देस इ उर्फ़… शेष कुशल है! भाग – 4
गुडी गुडी डेज़ अमित श्रीवास्तव सासति करि पुनि करहि पसाउ | नाथ प्रभुन्ह कर सहज सुभाउ || सबकुछ अचानक हुआ था. जैसे गणेश जी दूध पी लिए. जैसे दीवार पर साईं भगवान दिखने लगे. जैसे दुखिया के घर-आँगन... Read more
करवा चौथ पर श्री टेलीविजन को पत्र
श्री टेलीविजन जी, आज करवा चौथ है. सो कल भीषण शापिंग के चलते मेरे शहर की सड़कें जाम थीं. बिल्कुल नई दुल्हन सा सजना होता है इसलिए सब कुछ नया चाहिए होता है. कांच की चूडियों को टूटने से बचाने के... Read more
लाल मकान वाली हेमा
“उत्तरायण” कार्यक्रम में एक–दो बार उन्हें देखा होगा जब कभी वे लोक वार्ता बांचने आतीं लेकिन ठीक से मुलाकात की याद “आंखर” संस्था का गठन होने के बाद की है- 1977-78 के आस-पास. हम कुमाऊंनी नाटकों... Read more
चालबाज़ आदमी और दोस्ती की परख
अफ्रीकी लोक कथाएँ – 6 दो लड़के पक्के दोस्त थे. उन्होंने हमेशा एक दूसरे के साथ बने रहने का वादा किया हुआ था. जब वे बड़े हुए उन्होंने आमने-सामने अपने घर बनाए. दोनों के खेतों के दरम्यान ए... Read more
कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 6
पिथौरागढ़ में रहने वाले बसंत कुमार भट्ट सत्तर और अस्सी के दशक में राष्ट्रीय समाचारपत्रों में ऋतुराज के उपनाम से लगातार रचनाएं करते थे. वे नैनीताल के प्रतिष्ठित विद्यालय बिड़ला विद्या मंदिर में... Read more
जामुन के पेड़ वाला भूत बनना है मुझे
मरने के बाद लोग कहां रहते हैं, मुझे पूरा पता है. गांव के धुनकारी मरने के बाद नीम के पेड़ पर चढ़ा दिए गए लेकिन कुछ दिन बाद कैथे के पेड़ पर पाए जाने लगे. लाली सहाय के बड़े भाई पीपल के पेड़ पर... Read more
ईरानी महिला फ़िल्मकार ‘मरजियेह मेश्किनि’ की पहली फ़िल्म ‘द डे व्हेन आई बीकेम वुमन’ तीन छोटी फ़िल्मों में से दूसरी फ़िल्म आहू भी ईरानी समाज की महिलाओं के गहरे दुःख और उससे... Read more
कहो देबी, कथा कहो – 6
पिछली कड़ी वे कहानियां ओ हो, वह आंगन में घुघुते-घुघतियों का दाने चुगना! टोकरी के भीतर उन्हें पकड़ने की कोशिश… ‘और, अनायास ही मैंने अतीत की ओर दौड़ काट दी है. टोपी सिर से निकाल कर हाथ में... Read more
राजकुमारी, राजा और एक आदमी की कथा
अफ्रीकी लोक कथाएँ – 5 कुछ समय पहले जंगल में एक अकेला शिकारी रहता था. उसका कोई परिवार नहीं था और वह बाकी लोगों से दूर रहा करता था. एक दिन उस इलाके के राजा ने अपनी प्रजा को अपराधियों से... Read more