कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 27
पिथौरागढ़ में रहने वाले बसंत कुमार भट्ट सत्तर और अस्सी के दशक में राष्ट्रीय समाचारपत्रों में ऋतुराज के उपनाम से लगातार रचनाएं करते थे. वे नैनीताल के प्रतिष्ठित विद्यालय बिड़ला विद्या मंदिर में... Read more
गजे घले ने वैसे तो द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान दुश्मनों के नाकों चने चबवा के उस समय का सर्वोच्च वीरता पुरस्कार विक्टोरिया क्रॉस हासिल किया, परन्तु अल्मोड़ा से दिखने वाले हिमालय पर्वतमाला जि... Read more
कहो देबी, कथा कहो – 12
लेखकों की संगत भूखी पीढ़ी आंदोलन 1965 के आसपास शांत हुआ तो दिल्ली में अकविता के स्वर मुखर हो उठे. हिंदी के अकवि एक लघु पत्रिका ‘अकविता’ प्रकाशित कर रहे थे जिसमें प्रायः सौमित्र मोहन, मणिका मो... Read more
कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 26
पिथौरागढ़ में रहने वाले बसंत कुमार भट्ट सत्तर और अस्सी के दशक में राष्ट्रीय समाचारपत्रों में ऋतुराज के उपनाम से लगातार रचनाएं करते थे. वे नैनीताल के प्रतिष्ठित विद्यालय बिड़ला विद्या मंदिर में... Read more
धारचूला की व्यांस घाटी
कैलाश-मानसरोवर और आदि-कैलाश की पवित्र तीर्थयात्राओं का मार्ग उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले की धारचूला तहसील में पड़ने वाली व्यांस घाटी से होकर गुज़रता है. इस घाटी का अद्भुत सौन्दर्य अपने कैमरे मे... Read more
जौनसार-बावरः अतीत से भविष्य तक –सुभाष तराण सुदूर उत्तर भारत के पहाडी प्रदेश उत्तराखंड में यमुना अपने उद्गम से लगभग सौ मील चल कर जब देहरादून जिले के पुरातन स्थल कालसी पहुँचती है तो वहाँ उसका... Read more
कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 25
पिथौरागढ़ में रहने वाले बसंत कुमार भट्ट सत्तर और अस्सी के दशक में राष्ट्रीय समाचारपत्रों में ऋतुराज के उपनाम से लगातार रचनाएं करते थे. वे नैनीताल के प्रतिष्ठित विद्यालय बिड़ला विद्या मंदिर में... Read more
भाई साहब की विज्ञान से नाराजगी
भाई साहब विज्ञान विषय से उच्च शिक्षित हैं. मोबाइल, लैपटॉप, फ्रिज, कार, मोटरसाइकिल सबका भरपूर प्रयोग करते हैं, लेकिन विज्ञान से नाराज रहते हैं. उन्हें लगता है, जीवन में जो भी है, ईश्वर की वजह... Read more
कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 24
पिथौरागढ़ में रहने वाले बसंत कुमार भट्ट सत्तर और अस्सी के दशक में राष्ट्रीय समाचारपत्रों में ऋतुराज के उपनाम से लगातार रचनाएं करते थे. वे नैनीताल के प्रतिष्ठित विद्यालय बिड़ला विद्या मंदिर में... Read more
अथ आपदा राहत कथा
सौदा–सुभाष तराण वैसे तो उत्तर भारत के पहाड़ी राज्यों में प्राकृतिक आपदाएं अपना कहर अमूमन साल दर साल बरपाते रहती हैं लेकिन जब से भारतीय राजनीति की कोख ने विकास को जन्मा है तब से इनकी मार... Read more


























