कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 26
पिथौरागढ़ में रहने वाले बसंत कुमार भट्ट सत्तर और अस्सी के दशक में राष्ट्रीय समाचारपत्रों में ऋतुराज के उपनाम से लगातार रचनाएं करते थे. वे नैनीताल के प्रतिष्ठित विद्यालय बिड़ला विद्या मंदिर में... Read more
धारचूला की व्यांस घाटी
कैलाश-मानसरोवर और आदि-कैलाश की पवित्र तीर्थयात्राओं का मार्ग उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले की धारचूला तहसील में पड़ने वाली व्यांस घाटी से होकर गुज़रता है. इस घाटी का अद्भुत सौन्दर्य अपने कैमरे मे... Read more
जौनसार-बावरः अतीत से भविष्य तक –सुभाष तराण सुदूर उत्तर भारत के पहाडी प्रदेश उत्तराखंड में यमुना अपने उद्गम से लगभग सौ मील चल कर जब देहरादून जिले के पुरातन स्थल कालसी पहुँचती है तो वहाँ उसका... Read more
कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 25
पिथौरागढ़ में रहने वाले बसंत कुमार भट्ट सत्तर और अस्सी के दशक में राष्ट्रीय समाचारपत्रों में ऋतुराज के उपनाम से लगातार रचनाएं करते थे. वे नैनीताल के प्रतिष्ठित विद्यालय बिड़ला विद्या मंदिर में... Read more
भाई साहब की विज्ञान से नाराजगी
भाई साहब विज्ञान विषय से उच्च शिक्षित हैं. मोबाइल, लैपटॉप, फ्रिज, कार, मोटरसाइकिल सबका भरपूर प्रयोग करते हैं, लेकिन विज्ञान से नाराज रहते हैं. उन्हें लगता है, जीवन में जो भी है, ईश्वर की वजह... Read more
कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 24
पिथौरागढ़ में रहने वाले बसंत कुमार भट्ट सत्तर और अस्सी के दशक में राष्ट्रीय समाचारपत्रों में ऋतुराज के उपनाम से लगातार रचनाएं करते थे. वे नैनीताल के प्रतिष्ठित विद्यालय बिड़ला विद्या मंदिर में... Read more
अथ आपदा राहत कथा
सौदा–सुभाष तराण वैसे तो उत्तर भारत के पहाड़ी राज्यों में प्राकृतिक आपदाएं अपना कहर अमूमन साल दर साल बरपाते रहती हैं लेकिन जब से भारतीय राजनीति की कोख ने विकास को जन्मा है तब से इनकी मार... Read more
भारत में खाया जाने वाला खाना पोषण की दृष्टि से बहुत समृद्ध है. गरीबी में भी गांवों के मेहनतकशों ने मामूली कीमत पर खाने की थाली में व्यंजनों का जो तालमेल बैठाया है उसमें पौष्टिकता का अद्भुत स... Read more
शहर नाम से नहीं काम से बनते हैं सरकार बहादुर
फैजाबाद, रहै आबाद -राहुल पाण्डेय जबसे सरकार बहादुर ने मेरे फैजाबाद का नाम बदला है, सोच रहा हूं कि मेरे मोहल्ले कंधारी बाजार का नाम क्या रखा जाएगा? या फिर जिस रिकाबगंज चौराहे पर अमेरिका तक गम... Read more
बमनस्वाल मंदिर के बहाने दो बातें
उत्सव मनाइए कि अठारह साल का हो गया आपका राज्य त्रिनेत्रेश्वर मंदिर, बमनस्वाल पहुँचने के लिए आपको जागेश्वर के नज़दीक स्थित पेटशाल नाम की छोटी सी बसासत से मुख्य सड़क छोड़नी होती है. इस दूसरे रास्... Read more