उत्तराखण्ड की स्थाई राजधानी को लेकर भाजपा का दोगलापन एक बार फिर से सामने आया है. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने पिछली 23 नवम्बर को विधानसभा का शीतकालीन सत्र गैरसैंण की बजाय देहरादून में... Read more
भाई साहब की बहुमुखी प्रतिभा
भाई साहब एक साथ कई प्रतिभाओं के मालिक हैं यानी बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं. भाई साहब मौके के हिसाब से गा सकते हैं, नाच सकते हैं, अभिनय कर सकते हैं. जीवन का कौन सा क्षेत्र है, जहां भाई साहब की... Read more
कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 38
पिथौरागढ़ में रहने वाले बसंत कुमार भट्ट सत्तर और अस्सी के दशक में राष्ट्रीय समाचारपत्रों में ऋतुराज के उपनाम से लगातार रचनाएं करते थे. वे नैनीताल के प्रतिष्ठित विद्यालय बिड़ला विद्या मं... Read more
यहां से डाटा चोरी कर रहा है फेसबुक
28 सितंबर को फेसबुक ने एक प्रेस नोट जारी करके बताया कि उसके सरवर से पांच करोड़ लोगों की प्रोफाइल हैक हो चुकी हैं. हैक बोले तो चोरी. उन प्रोफाइल्स में जो कुछ भी था, वह सब चोरी हो गया. यह चोरी... Read more
कहो देबी, कथा कहो – 15
किलै, मैं देबी उस दिन कमरे में अकेला था. कमरे का दरवाजा भी बंद था. गहरे सोच में डूबा था कि सहसा लगा, कमरे में कोई है. कुछ समझता, इससे पहले ही अचानक खम्म से वह सामने आ खड़ा हुआ. मैंने चौंक कर... Read more
कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 37
पिथौरागढ़ में रहने वाले बसंत कुमार भट्ट सत्तर और अस्सी के दशक में राष्ट्रीय समाचारपत्रों में ऋतुराज के उपनाम से लगातार रचनाएं करते थे. वे नैनीताल के प्रतिष्ठित विद्यालय बिड़ला विद्या मं... Read more
झलतोला हिमालय का करीबी दोस्त है
पिथौरागढ़ के बेड़ीनाग कस्बे से एक गुमनाम गाँव झलतोला के लिए कच्ची-पक्की सड़क जाती है. इस सफ़र पर आगे बढ़ते हुए हिमालय आपके साथ लगातार चलता रहता है. झलतोला से एक पगडण्डी आपको लम्ब्केश्वर की पहाड़ी... Read more
यह क्रांतिकारी दिन था
साधो हम बासी उस देस के – 3 -ब्रजभूषण पाण्डेय टुच्ची और हमारी सारी उम्मीदें तो बस ग्रू के करम पर टिकी थीं. सो उसकी ख़ुशी में ख़ुश होने का सफल दिखावा करने के अतिरिक्त हमारे पास कोई दूसरा चारा... Read more
आज भी बरकरार है बौराणी मेले की रंगत
उत्तराखण्ड को अगर पर्वों, उत्सवों और मेलों की भी धरती कहा जाये तो ग़लत नहीं होगा. पूरे प्रदेश में साल भर विभिन्न मौकों पर सैकड़ों मेले आयोजित किये जाते हैं. इनमें से ज्यादातर मेले धार्मिक, सां... Read more
पहाड़ और मेरा बचपन – 9 (पिछली क़िस्त : कंचों के खेल ने साबित किया कि मैं कृष्ण जैसा अवतार था) (पोस्ट को लेखक सुन्दर चंद ठाकुर की आवाज में सुनने के लिये प्लेयर के लोड होने की प्रतीक्षा करें.)... Read more