मिर्च की चद्दर – रोहित उमराव के फोटो
एक रंगीन चादर ऐसी भी -रोहित उमराव भारत के मानचित्र में उत्तर प्रदेश जिले का यह कस्बा कोड़ा जहानाबाद अपनी ऐतिहासिकता के लिए विख्यात है. गंगा यमुना के दोआब में जहानाबाद रिन्ध नदी के तट पर आसीत... Read more
एक लालटेन का जलना क्या खुद लालटेन के लिए एक त्रासदी है? उसकी रौशनी की सेहत, उसकी तबीयत का मिज़ाज देखकर ऐसा ही कुछ सोच जा सकता है. उसका रोशनी पैदा करने का उपक्रम खुद उसी के लिए बेहद थकाने वाला... Read more
झूठा है झूठी ख़बरों की खबर लेने का फेसबुक का दावा
जबसे कैंब्रिज एनालिटका और फेसबुक का चुनावी घोटाला खुला है, फेसबुक के मार्क जकरबर्ग बार बार कह रहे हैं कि उनकी कंपनी फेक न्यूज और अफवाहों से लड़ने के लिए अपनी तकनीक विकसित कर रही है. जब अमेरि... Read more
कहो देबी, कथा कहो – 17
शादी की झर-फर अप्रैल आखीर से यज्ञोपवीत और शादी की झर-फर शुरू हो गई. 4 मई को यज्ञोपवीत संस्कार किया गया. ईजा बहुत याद आई उस दिन. मां तो बचपन में ही इस दुनिया से चली गई थी. बाकी, कुछ देर पहले... Read more
कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 44
पिथौरागढ़ में रहने वाले बसंत कुमार भट्ट सत्तर और अस्सी के दशक में राष्ट्रीय समाचारपत्रों में ऋतुराज के उपनाम से लगातार रचनाएं करते थे. वे नैनीताल के प्रतिष्ठित विद्यालय बिड़ला विद्या मं... Read more
उत्तराखण्ड के चमोली जिले में वाण गाँव एक जाना-पहचाना नाम है. वाण से बेदिनी बुग्याल और रूपकुंड के लिए पैदल रास्ता शुरू होता है. यह वाण से शुरू होने वाला एक लोकप्रिय और जाना-पहचाना ट्रैक है, ल... Read more
सिनेमा: पांच मिनट में सत्रह देशों की दुनिया
एन वुड द्वारा 1984 में स्थापित टीवी कंपनी रैगडौल से सीख मिलती है कि एक अच्छा प्रोग्राम कैसे और कितनी मेहनत से बनाया जाता और फिर यह भी कि प्रोग्राम बनाने में रुपये पैसे के अलावा दिल भी लगाना... Read more
अंधविश्वास के पहाड़
मैं उस रोज नैनीताल के रामगढ़ स्थित महादेवी सृजन पीठ के बाहर साथियों के साथ गप्पें लड़ाने में मशगूल था कि तभी गाँव से पिताजी का फोन आ गया. पिताजी को अमूमन मैं ही फ़ोन करता हूँ. वे तभी फोन करते... Read more
साधो हम बासी उस देस के – 4 -ब्रजभूषण पाण्डेय पिछली कड़ी : यह क्रांतिकारी दिन था मेला बीत चुका था. परेवा झमटहवा पीपर की ओर, किसान गेहूँ बुआई के लिए सिवान की और और हम मस्ती भरी अनियमित जीवन शैल... Read more
पहाड़ और मेरा बचपन – 10 (पिछली क़िस्त : हां मैंने चलाए साइकल के लचक मारते, पुराने टायर और भरपूर मजा लूटा) (पोस्ट को लेखक सुन्दर चंद ठाकुर की आवाज में सुनने के लिये प्लेयर के लोड होने की प्रत... Read more