आदिम संस्कृति और समाज के लिए संघर्ष करता जौनसार बावर का त्यौहार – बूढ़ी दिवाली
पूरे देश मे दिवाली कार्तिक माह की अमावस्या के दिन मनाई जाती है लेकिन उत्तराख़ण्ड के जिला देहरादून के जनजातीय श्रेत्र जौनसार बावर और हिमाचल के सिरमौर जिले लाधेई क्षेत्र के कुछ गावों में यह ठीक... Read more
कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 53
पिथौरागढ़ में रहने वाले बसंत कुमार भट्ट सत्तर और अस्सी के दशक में राष्ट्रीय समाचारपत्रों में ऋतुराज के उपनाम से लगातार रचनाएं करते थे. वे नैनीताल के प्रतिष्ठित विद्यालय बिड़ला विद्या मं... Read more
मेट्रीमोनियल वाली झूठी लड़की
ये कई साल पहले की बात है. दो लड़कियां थीं. एक ब्वॉयफ्रेंड वाली, एक मेट्रीमोनियल वाली. ब्वॉयफ्रेंड वाली लड़की 24 साल की थी और मेट्रीमोनियल वाली 34 की. दोनों मजबूत दिमागों और फैसलों वाली लड़... Read more
पढ़ाई से महत्वपूर्ण होती सूचना
एक समय था, जब पढ़ती हुई क्लास तथा पढ़ाते हुए शिक्षक को बड़े सम्मान से देखा जाता था. कोई व्यक्ति चाहे बड़ा हो या छोटा सीधे कक्षा में प्रवेश नहीं करता था. न्यू छंगामल कॉलेज में अब दृश्य बदल चुका ह... Read more
रड़गाड़ी रागस – जोहार की लोककथा
महीना नवम्बर का था. जोहार घाटी के सभी लोग वापस अपने शीतकालीन घर यानी मुनस्यारी आ चुके थे. व्यापार के उद्देश्य से तिब्बत गए एक व्यापारी को वापस लौटने में विलम्ब हो गया था. वह भेड़-बकरियों के अ... Read more
कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 52
पिथौरागढ़ में रहने वाले बसंत कुमार भट्ट सत्तर और अस्सी के दशक में राष्ट्रीय समाचारपत्रों में ऋतुराज के उपनाम से लगातार रचनाएं करते थे. वे नैनीताल के प्रतिष्ठित विद्यालय बिड़ला विद्या मं... Read more
पूरा पहाड़ हमारा था, मैंने बेच दिया…
पिछली सात तारीख को उत्तराखण्ड विधानसभा का तीन दिवसीय शीतकालीन सत्र समाप्त हो गया. इस सत्र में उत्तर प्रदेश जमींदारी उन्मूलन और भूमि व्यवस्था अधिनियम 1950 (अनुकलन एवं उपरांतरण आदेश 2001) (संश... Read more
कहो देबी, कथा कहो – 19
अनुशासन के वे दिन इंटरव्यू बहुत अच्छा रहा. शैक्षिक योग्यताएं और अनुभव भी काफी अच्छा था, इसलिए कमेटी ने उसे चुन लिया. कुलपति ने इंटरव्यू के बाद उसे मिलने को बुलाया और बैठा कर समझाया कि यहां उ... Read more
कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 51
पिथौरागढ़ में रहने वाले बसंत कुमार भट्ट सत्तर और अस्सी के दशक में राष्ट्रीय समाचारपत्रों में ऋतुराज के उपनाम से लगातार रचनाएं करते थे. वे नैनीताल के प्रतिष्ठित विद्यालय बिड़ला विद्या मं... Read more
आइफ़िल टावर से क्रिकेट कमेंट्री
कैसी-कैसी क्रिकेट कमेंट्री – एलन मैकगिल्वरे -अशोक पांडे साल 1938. ऑस्ट्रेलिया. सर्दियों की एक निद्राहीन रात. विक्टोरिया, क्वींसलैंड और न्यू साऊथ वेल्स में तमाम घर रोशन थे, चिमनियों से... Read more