बिनसर की न भूलने वाली बर्फबारी
जादू है बिनसर (Binsar) में अल्मोड़ा से कुल तीस किलोमीटर दूर 2,420 मीटर की ऊंचाई पर अवस्थित है बिनसर. यहाँ से हिमालय की जादुई छवियाँ देखने को मिलती हैं. प्रकृति की गोद में बसा यह स्थान बिनसर व... Read more
कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 85
डा. वासुदेव शरण अग्रवाल ने एक जगह लिखा है – “लोकोक्तियाँ मानवीय ज्ञान के चोखे और चुभते सूत्र हैं.” यदि वृहद हिंदी कोश का सन्दर्भ लिया जाए तो उस में लोकोक्ति की परिभाषा इस प्रकार दी गई... Read more
पीटर बैरन ने बायीं ओर की सलेटी शिला पर कुछ पलों के लिए अपनी पीठ टिकायी और जैकेट की ऊपरी जेब से डायरी निकालकर उसमें आज की तारीख का पन्ना खोला : 27 अप्रेल, 1835. उम्मेद सिंह और दुर्गादत्त पीठ... Read more
बहुत बड़ी और क्लासिक फिल्म है ‘छोटी सी बात’
वर्ष 1975 हिंदी सिने-इतिहास में खास तौर पर याद किए जाने लायक साल है. इस वर्ष शोले, दीवार, धर्मात्मा, जमीर, अमानुष, धरम-करम जैसी फिल्में प्रदर्शित हुईं, तो दूसरी ओर चुपके-चुपके, छोटी सी बात ज... Read more
कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 84
डा. वासुदेव शरण अग्रवाल ने एक जगह लिखा है – “लोकोक्तियाँ मानवीय ज्ञान के चोखे और चुभते सूत्र हैं.” यदि वृहद हिंदी कोश का सन्दर्भ लिया जाए तो उस में लोकोक्ति की परिभाषा इस प्रकार दी गई... Read more
तीसरी कसम उर्फ मारे गये चिलबिल
अंतर देस इ उर्फ़… शेष कुशल है! भाग – 15 अमित श्रीवास्तव (पिछली क़िस्त: पप्पन पांडे का निबन्ध) गुडी गुडी में दो पाट थे और जैसा कि अमूमन होता है उन दोनों के बीच एक धार बहती थी. भले लोग उसे `मानू... Read more
12 जनवरी 1863 को कलकत्ता मे नरेन्द्रनाथ का जन्म होना फिर स्वामी रामकृष्ण परमहंस के संपर्क में आकर बालक नरेंद्र का स्वामी विवेकानंद बन जाना एक अलग कहानी है. उससे भी अधिक महत्वपूर्ण है शिकागो... Read more
कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 83
डा. वासुदेव शरण अग्रवाल ने एक जगह लिखा है – “लोकोक्तियाँ मानवीय ज्ञान के चोखे और चुभते सूत्र हैं.” यदि वृहद हिंदी कोश का सन्दर्भ लिया जाए तो उस में लोकोक्ति की परिभाषा इस प्रकार दी गई... Read more
पंतनगर के सन्नाटे में धांय-धांय
कहो देबी, कथा कहो – 28 पिछली कड़ी: कहो देबी, कथा कहो – 27, आसमान टूट पड़ा क्या नहीं था तब! वर्ष 1975 तक पंतनगर विश्वविद्यालय में 36 प्रमुख विषयों में स्नातक और 11 विषयों में स्नातकोत्तर तथा पी... Read more
कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 82
डा. वासुदेव शरण अग्रवाल ने एक जगह लिखा है – “लोकोक्तियाँ मानवीय ज्ञान के चोखे और चुभते सूत्र हैं.” यदि वृहद हिंदी कोश का सन्दर्भ लिया जाए तो उस में लोकोक्ति की परिभाषा इस प्रकार दी गई... Read more