खजुराहो की शिल्पकला समाहित किये कामसूत्र की परम्परा का अनुसरण करती पत्थर की मूर्तियाँ कुमाऊँ में या तो अल्मोड़ा के नंदादेवी मंदिर में हैं या जनपद चम्पावत के मुख्यालय में स्थित बालेश्वर मंदिर... Read more
कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 104
डा. वासुदेव शरण अग्रवाल ने एक जगह लिखा है – “लोकोक्तियाँ मानवीय ज्ञान के चोखे और चुभते सूत्र हैं.” यदि वृहद हिंदी कोश का सन्दर्भ लिया जाए तो उस में लोकोक्ति की परिभाषा इस प्रकार दी गई... Read more
फिल्म ‘कथा’ (1982) का बैकड्राप, खरगोश-कछुए की कथा पर आधारित है. बदलते हुए परिवेश में, परिवर्तित होते नैतिक मूल्यों को फिल्म में प्रतीकात्मक ढंग से दिखाया गया है. राजाराम (नसीरुद्दीन शाह) एक... Read more
छापाए दिल इतना न उछालो
अंतर देस इ उर्फ़… शेष कुशल है! भाग – 18 अमित श्रीवास्तव छापे के दौरान एक सरकारी कर्मचारी के मेज की दराज़ से बरामद हुई एक डायरी में ये प्रलाप मिला जिसके बाएं हाशिये पर कृपया ‘अ’ के... Read more
कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 103
डा. वासुदेव शरण अग्रवाल ने एक जगह लिखा है – “लोकोक्तियाँ मानवीय ज्ञान के चोखे और चुभते सूत्र हैं.” यदि वृहद हिंदी कोश का सन्दर्भ लिया जाए तो उस में लोकोक्ति की परिभाषा इस प्रकार दी गई... Read more
इल्म-ओ-अदब का शहर लखनऊ
कहो देबी, कथा कहो – 32 पिछले कड़ी कहो देबी, कथा कहो –31 काम भी खाना-खज़ाना भी, यह सब तो ठीक मगर इल्म-ओ-अदब के गलियारों में भी तो पहुंचना था, जहां बातें हों, मुलाकातें हों और मेरी कलम चलती रहे.... Read more
बड़ी महिमा है नानकमत्ता साहिब गुरुद्वारे की
तेज हवा के झोंकों और हल्की-हल्की बारिश के बीच नानकसागर (Nanakmatta Sahib) के किनारे खड़े होकर उसमें उठती लहरों को देखना भी एक अलग अनुभव है. बेहद विशाल सागर है ये. जहां तक नजर जाती है बस नीला... Read more
अंतरिम बजट का कौतिक
कल केंद्र में एनडीए सरकार अंतरिम बजट (Interim Budget) जारी करने वाली है. एक आम आदमी की भाषा में प्रोफेसर मृगेश पांडे बता रहे हैं कि यह अंतरिम बजट किस प्रकार भारत को प्रभावित करेगा: सम्पादक प... Read more
उत्तराखंड के लद्दाख की तस्वीरें
उत्तराखण्ड के उत्तरकाशी में भारत तिब्बत सीमा पर एक गांव है जादुंग. जादुंग, नेलांग घाटी में स्थित एक गांव है. नेलांग घाटी एक इनरलाइन एरिया है जो कि भारत चीन के बॉर्डर पर पड़ता है, पर्यटकों के... Read more
कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 102
डा. वासुदेव शरण अग्रवाल ने एक जगह लिखा है – “लोकोक्तियाँ मानवीय ज्ञान के चोखे और चुभते सूत्र हैं.” यदि वृहद हिंदी कोश का सन्दर्भ लिया जाए तो उस में लोकोक्ति की परिभाषा इस प्रकार दी गई... Read more