नैनीताल के अजाने इतिहास से निकली एक और अनोखी कहानी
नैनीताल के फांसी गधेरे से जुड़ी अनेक किंवदंतियों-कहावतों-किस्सों के पसमंजर में गूंथकर रचा गया है इस अद्भुत कथा को. इतिहास, समाजशास्त्र और फंतासी के बीच तैरती-उतराती यह कथा एक से अधिक बार पढ़े... Read more
कहो देबी, कथा कहो – 37 पिछले कड़ी- कहो देबी, कथा कहो – 36 बैंक की नौकरी के दौरान मैं जिस इलाके में जाता, खाली समय मिलने पर किसी साथी से दिल की बात कहता कि आसपास किसी से मुलाकात करा दें, किसी... Read more
पहाड़ और मेरा जीवन – 24 (पोस्ट को लेखक सुन्दर चंद ठाकुर की आवाज में सुनने के लिये प्लेयर के लोड होने की प्रतीक्षा करें.) जिसने पहाड़ में रहकर कभी चूल्हे में तांबे के गुड़तोलों में बना भात-दा... Read more
रितुरैण या ऋतुरैण (Riturain) गीतों का उत्तराखण्ड की लोक परम्पराओं में महत्वपूर्ण स्थान रहा है. इन्हें बसंत ऋतु और विशेषकर चैत्र महीने में गाया जाता है. चैत्र के महीने में गाये जाने के कारण इ... Read more
लाई वी न गई ते निभाई वी न गई
अंतर देस इ (… शेष कुशल है!) मामला जम नहीं रहा था. तीन दिन से लगातार पिच्चर हॉल जा रहा हूँ. पूरी मूवी नहीं बस वो राष्ट्रगान वाले टाइम रहकर फिर बाहर आ जाता हूँ. देशभक्ति नहीं आई मुझमें. अभी कल... Read more
कितना कम जानते हैं हम तिब्बत के बारे में
तिब्बत विद्रोह दिवस आज दस मार्च है. (Tibetan Uprising Day 2019) मैं यह इस लिए याद दिला रहा हूँ कि आज यानी के दिन दुनिया भर में रह रहे शरणार्थी तिब्बती तिब्बत विद्रोह दिवस मनाते हैं. वर्ष 195... Read more
वासु चटर्जी की फिल्म: चमेली की शादी
कुछ फिल्में दर्शकों को आज भी बेहद रोमांचित करती हैं. इस तथ्य पर गहनता से विचार करें कि, ऐसा क्यों होता है. क्यों यह फिल्म सोंधी सी लगती है? एक मोहल्ले की कॉमन सी प्रेम-कथा, किन तत्त्वों को ल... Read more
शकुनाखर: मांगलिक अवसरों पर गाये जाने वाले गीत
शकुनाखर (Shakunakhar) उत्तराखण्ड (Uttarakhand) के कुमाऊँ मंडल में किसी भी शुभ कार्य की शरुआत से पहले गाये जाने वाले गीत हैं. शकुन का अर्थ है शगुन और आखर मतलब अक्षर. इस तरह यह नाम शगुन के मौक... Read more
फिरंगी जुल्म सहने की प्रैक्टिस के लिए जब अल्मोड़े के युवक अपने घावों में नमक भरवाते थे
अल्मोड़े में कांग्रेस का जन्म 1921 में हुआ. इससे पहले जब 1905 में बंग भंग आन्दोलन का प्रारम्भ हुआ, उससे कुछ बच्चों और नवयुवकों के सुकुमार मन में अंग्रेजी राज के प्रति घृणा के भाव उत्पन्न हो... Read more
जब वो उड़ान भरती है तो डोर कस दी जाती है
एक बार फिर शादी का सीजन आ गया है और उसकी परेशानियाँ एकबार फिर बढ़ गयी हैं. पिछले 5 सालों में उसने अपने व्यावसायिक जीवन में वो कर दिखाया था जो करने में लोगों को 10 बरस लग जाते हैं. लेकिन कुछ म... Read more