जखिया: पहाड़ का अद्भुत तड़का
मेरे एक मित्र मजाक में कहा करते हैं कि अगर कोटद्वार या ऋषिकेश से दिल्ली जा रही किसी बस की औचक चेकिंग की जाए तो हर पहाड़ी के ब्रीफकेस में एक पोटली में रखा जखिया जरूर मिल जाएगा. मेरे मित्र भले... Read more
कुमाऊनी में गोल रहने की कला और उसका मतलब
छः लोगों ने चाय पी हो और आप उनमें से एक हों तो पेमेंट करते समय आपको हड़बड़ी करने की कतई आवश्यकता नहीं. आप अपनी निगाह अनन्त में टिकाये चुपचाप बैठे रहें. कोई न कोई कर देगा. हस्पताल में भर्ती क... Read more
भीमताल का भीमेश्वर महादेव मंदिर
भीमताल डाट में बस स्टेशन से 200 मीटर आगे उत्तराखंड का प्राचीन शिव मंदिर है. इसे भीमेश्वर मंदिर कहा जाता है. भीमेश्वर मंदिर के विषय में मान्यता है कि इस मंदिर का निर्माण पांडवों द्वारा कराया... Read more
आज मदहोश हुआ जाए रे मेरा मन
आज मदहोश हुआ जाए रे, मेरा मन, मेरा मन, मेरा मन बिना ही बात मुस्कुराए रे मेरा मन मेरा मन मेरा मन ओ री कली, सजा तू डोली ओ री लहर, पहना तू पायल ओ री नदी, दिखा तू दर्पण ओ री किरण ओढ़ा तू आँचल इक... Read more
डीडीहाट के सौगांव की कहानी
हर गांव के बसने की एक कहानी होती है. उत्तराखंड में भी बहुत से ऐसे गांव हैं जो पिछले दस-एक दशकों पूर्व ही बसे हैं. पिथौरागढ़ जिले में डीडीहाट क्षेत्र में एक गांव है सौगांव. सेलकुड़ीधार से तड़केश... Read more
हल्द्वानी में सेब के पेड़ पर फल लगना विशेषज्ञों के लिए शोध का विषय हो सकता है
सेब ने अब हल्द्वानी जैसे भाबरी क्षेत्र में भी अपनी दस्तक दे दी है. हल्द्वानी में अधिकतम तापमान गर्मियों में लगभग 40 डिग्री तक पहुँच जाता है. इतने गर्म तापमान वाली जगह पर सेब के पेड़ पर फल लग... Read more
जाने कहाँ से आ टपका ये काला धन
कुबेर आजकल बड़ी चिंता में हैं. उनका एक पुत्र कुपुत्र हो गया है. लोग बड़ी मोटी-मोटी गालियाँ देने लगे हैं उसे और `लॉ ऑफ इम्पार्टिंग कल्चर टू योर ऑफस्प्रिंग्स’ की मानक भारतीय परम्परा के अनुसार... Read more
असल कुमाऊनी भाषा का जायका
मनोहर श्याम जोशी के उपन्यास ‘कसप’ में नायिका बेबी कई बार अपने प्रेमी नायक डी डी उर्फ़ देबिया टैक्सी को “लाटा” कहकर बुलाती है. लाटा का शाब्दिक अर्थ हुआ गूंगा. लेकिन यहाँ बेबी द्वारा कहा गया “... Read more
श्रीनगर से लगभग 14 किमी दूर कलियासौड़ में सिद्धपीठ मां धारी देवी का मंदिर है. धारी देवी का मंदिर मां काली को समर्पित है. इस मंदिर की मुख्य विशेषता मां काली की शांत मुद्रा वाली मूर्ति है. लोक... Read more
दा, उसे घुघुती मिल गई होगी
दूर पहाड़ के अपने गांव से पढ़ने के लिए मैं शहर नैनीताल चला गया था लेकिन मन में बसा गांव और बचपन के वे संगी-साथी भी मन में मेरे साथ ही चले आए थे. चले आए थे तो रह-रह कर मुझे गांव की, बचपन की ब... Read more