भारती कैंजा और पेड़ के साथ उनकी शादी
भारती कैंजा अपने भाई-बहिनों में सबसे छोटी है, लेकिन जीवट में सबसे बड़ी. वह कभी किसी से फालतू नहीं बोलती. जब वह आठ साल की रही होगी, अपनी बुआ के घर ढकाली गई हुई थी. (Memoir by Govind Singh) वहा... Read more
हर साल फिजिक्स का नोबेल पुरस्कार घोषित होता है. हर साल कलेजे पर लम्बे समय से चस्पां पुराना नासूर दुखने लगता है. विज्ञान और ख़ास तौर पर फिजिक्स को लेकर मेरे मन में बचपन से ही बड़ा उत्साह था ल... Read more
रिंगाल उत्तराखण्ड की बहुउपयोगी वनस्पति
बौना बांस (dwarf bamboo) के नाम से जाना जाने वाला रिंगाल उत्तराखण्ड का बहुउपयोगी पौधा है. रिंगाल पर्यावरण संतुलन बनाए रखने के अलावा भूस्खलन को रोकने में भी सहायक है. (Ringal Multifunctional... Read more
हमारी सरकार बैठी रही, दिल्ली में बन गयी कुमाऊनी, गढ़वाली और जौनसारी भाषा अकैडेमी
कल यानी बुधवार को दिल्ली सरकार ने उत्तराखंड की कुमाऊनी, गढ़वाली और जौनसारी भाषाओं के प्रचार-प्रसार के लिए एक अकादमी की स्थापना की है. दिल्ली सरकार ने लोकप्रिय गायक व कलाकार हीरा सिंह राणा को... Read more
बूबू की धुपैणी में महकती अनोखी जड़ – सम्यो
तीन बाखली के छोटे से गाँव में मालगों (ऊपर का गाँव) के बीचों-बीच हमारे एक बूबू रहते थे. बहुत मीठे स्वभाव और बाल सुलभ मुस्कान के धनी थे. बच्चों और बकरी के पट्ठों से बहुत प्यार करते थे इसलिए हम... Read more
निर्धनता पर नोबल पुरस्कार
दुनिया में गरीबी है. सत्तर करोड़ लोग ऐसे हैं जिन्हें पेट भर भोजन आज भी नहीं मिलता. कंगाली उनका पीछा करती है. बदहाली उन्हें जीने नहीं देती. भूख उनकी सांसों में है, बीमारी तन में. मुफलिसी तंग... Read more
हल्द्वानी से हैड़ाखान रोड (भीमताल ब्लॉक) पर गांव पड़ता है गुमालगांव. अचानक वहां से गुजरते हुए नाक में बिस्कुट बेक होने की खुशबू घुसी ही थी कि सामने छोटी सी बेकरी दिखाई दी. (Delicious Handmad... Read more
कुमाऊं विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. के.एस. राना एक बार फिर विवाद में फंस गए हैं. इस बार भी वे विवाद में अपने एक पत्र को लेकर ही फंसे है. अब उन्होंने उत्तराखण्ड के मुख्य निर्वाचन आयुक्त को प... Read more
छोटी-छोटी चीजों के स्वाद से बना जीने का ज़ायका
4G माँ के ख़त 6G बच्चे के नाम – अट्ठाइसवीं क़िस्त पिछली क़िस्त का लिंक: मेरे भीतर से जन्मा बच्चा तुम आठवें महीने में लग गए हो मेरे बच्चे. लेकिन नहीं, ये कहना ज्यादा सही होगा कि मेरे गर्भ... Read more
बनारस के निष्कलुष हास्य और शार्प विट से बुना गया है आशुतोष मिश्रा का पहला उपन्यास
‘राजनैत’ लेखक आशुतोष मिश्र का पहला उपन्यास है. अपनी पहली ही रचना में उन्होंने प्रवाहमय विट-संपन्न गद्य लिखा है. उनमें एक समर्थ प्रतिभाशाली लेखक की झलक मिलती है. Review Ashutosh M... Read more