पीछे छूटता पहाड़
आम लोगों के संघर्ष, आंदोलन और उनकी शहादत से जन्मा ‘उत्तराखंड’ हमारे देश के राजनैतिक मानचित्र में एक राज्य के रुप में उभरा तो जरुर है परन्तु सामाजिक-आर्थिक दृष्टि से विकसित राज्य... Read more
राज्य स्थापना दिवस पर उत्तराखंड की अद्भुत तस्वीरें
उत्तराखंड राज्य को बने इक्कीस साल होने को आये हैं इन इक्कीस सालों में पर्यटन और पर्यटन के नाम पर न जाने कितनी सरकारें आई और गई. राज्य स्थापना से पहले ही पर्यटन को राज्य की अर्थव्यवस्था का आध... Read more
हमारी नियमित लेखिका गीता गैरोला ने आपको अनेक मनभावन कहानियां सुनाई हैं. हाल ही में हमने उनकी मशहूर किताब ‘मल्यो की डार’ के एक अध्याय को हरिद्वार में रहने वाली स्मिता कर्नाटक की आवाज़ में सुन... Read more
मैं पर्यटन स्थलों को छोड़कर, उत्तराखंड के आंतरिक ऐसे किसी पहाड़ी गांव में नहीं गया था जहां पलायन को इतना करीब से देखा हो. अपनी पिछली यात्रा के दौरान मैं चंपावत जिले के पाटी ब्लॉक में रीठा सा... Read more
गैरसैण एक शब्द है राजकोष का
गैरसैण एक शब्द है पानी की बची हुई बूंद को छाल की शिराओं में सँजोकर हरा होना सीखा था इसने खिलना सीखा था अब जब नाखून के पोर लाल हो उठे थे किसने देखा कि इसके हाथों में निचुड़े हुए बुरांश के फूल... Read more
कसारदेवी में चार चाँद लगाते पैयाँ के फूल
दुनिया की सबसे खुबसूरत जगहों में एक है कसारदेवी. कसारदेवी अपने हर मौसम में अपने अलग रंग में दिखता है. Cherry Blossom in Kasaradevi इन दिनों अल्मोड़ा के कसारदेवी के जंगलों में चेरी ब्लॉसम की ब... Read more
इगास के पकवानों की तस्वीरें
बड़ी बग्वाल की तरह इस दिन भी दिए जलाते हैं, पकवान बनाए जाते हैं. यह ऐसा समय होता है जब पहाड़ धन-धान्य और घी-दूध से परिपूर्ण होता है. बाड़े-सग्वाड़ों में तरह-तरह की सब्जियां होती हैं. इस दिन... Read more
[पिछली क़िस्त: हल्द्वानी की सबसे पुरानी संगीत संस्था] नैनीताल में दुर्गालाल साह पुस्तकालय की अलग पहचान है. इस पुस्तकालय की स्थापना 1914 में अंग्रेजों ने की थी. उसी तरह हल्द्वानी मंं 15... Read more
गोठ में पहाड़ी रजस्वला महिलाओं के पांच दिन
कुछ सालों पहले उत्तराखण्ड के गाँवों में कोई नई दुल्हन जब ससुराल में प्रवेश करती थी – उसकी पहली माहवारी, जिसे लोक भाषा में धिंगाड़ होना, छूत होना, अलग होना, दिन होना या मासिक आदि नामों... Read more
आदमी को जमूरा बनाने में उस्ताद हुआ शहर-ए-अल्मोड़ा
चुर्रेट मुर्रेट जादू की लकड़ी घुमाईईलम के जोर से हाथ की सफाईबोल शिताबी क्या लेगासास बड़ी कि बहूबाप बड़ा कि बेटाधूल में फंक लगाकर रुपया बना दूंडुग डुग डुग डुग डुग डुग डुग डुग चल बेटा घुचड़ू ... Read more