इस लम्हे से पहले जो हुआ सब भूल जा
यह बात ज्यादातर लोगों को बहुत नागवर लगेगी और बहुत क्रूर भी लेकिन हर पल बिना किसी दुख का, एक नया और बच्चों जैसे भोलेपन से भरा, आनंद और उत्साह से लबरेज जीवन जीने के लिए यह बहुत जरूरी है कि हम... Read more
लाइव के मौसम में एक जरूरी कथा
[अमित श्रीवास्तव की यह ताज़ा कहानी सच की अनेक परतों के बीच डूबती-उतराती रहती है. यह आधुनिक समय की अनेक ऐसी विद्रूपताओं के ऊपर पड़े जालों को साफ़ करता हुआ एक दस्तावेज है जिसे पढ़कर हमें अपने ही अ... Read more
कुमाऊनी झोई का स्वाद लाजवाब है
झोई अथवा झोली यानि कि कढ़ी हमारे कुमाऊं के भोजन में विभिन्न प्रकार से बनती है. कम से कम एक सप्ताह हम अपनी अलग-अलग झोई के स्वाद ले कर सभी को चख सकते हैं. गरीब से लेकर अमीर तक सबके घर में बनने... Read more
पिथौरागढ़ चम्पावत में धान की कुछ किस्में
पिथौरागढ़ चम्पावत में बोये जाने वाले धान की कुछ किस्मों का संक्षेप में वर्णन किया जा रहा है, जिससे धान की किस्मों में व्याप्त विविध गुणों के आधार पर उनके प्रयोग की जानकारी इंगित होती है.(Typ... Read more
उमेश तिवारी ‘विश्वास’ की कहानी चूहा
वहाँ ज़रूर कुछ अनोखा था. ड्राइव वे की तरफ़ वाला दरवाज़ा आधा खुला और मेरी पत्नी ने दबी ज़ुबान में पुकारा, “ओ सुनो..जल्दी बाहर आओ, तुमको एक चीज़ दिखाती हूं.” मामला फल-सब्ज़ी का होत... Read more
एक बच्चा अपनी मां को बहुत ख़ास महसूस करवाता है
4G माँ के ख़त 6G बच्चे के नाम – 58 (Column by Gayatree Arya 58)पिछली किस्त का लिंक: तुम्हारा ऐसे देखना मुझे कितना ख़ास महसूस करवाता है अभी-अभी तुम नींद के बीच में जगे, तो मैं अपनी गोद में ल... Read more
बचपन की सबसे सुरीली यादों में से एक का नाम है हीरा सिंह राणा. वो बचपन जिसे कुमाउंनी और गढ़वाली में भेद मालूम न था. और वो बचपन जिसमें खेल-खिलौने, पिक्चर-सर्कस के बीच गीतों के लिए बहुत कम जगह... Read more
कुमाऊनी लोकगायक हीरा सिंह राणा का निधन
हीरा सिंह राणा 16 सितंबर 1942 से 13 जून 2020 कुमाऊनी के सर्वाधिक लोकप्रिय गीतकार, संगीतकार, गायक हीरा सिंह राणा की मृत्यु की दुखद खबर आ रही है. हृदयाघात से आज सुबह ढाई बजे दिल्ली में उनका नि... Read more
रक्षाबंधन या अषाढ़ी कौतिक का मेला. रिमझिम बारिश के बीच घर से निकलते तो मन मे उमंग और उत्साह रहता था. साथ ही कमाई की ललक भी. उम्मीद रहती थी कि पांच ककड़ी भी बिक जाएं तो स्कूल की फीस तो हो ही... Read more
वड़ की पीड़ा और आमा के हिस्से का पुरुषार्थ
गांव की प्रचलित कहावत है, वड़ (Division stone) माने झगड़ जड़. जब दो भाइयों के बीच में जमीन का बंटवारा होता है तो खेतों के बीच बंटवारे के बाद विभक्त जमीन में एक पत्थर गाड़ दिया जाता है जिसे व... Read more