क्यों रखते हैं किसी के सिरहाने लोहे की दरांती
सभी जानते हैं मनुष्य जाति द्वारा लोहे का इस्तेमाल किये जाने से पहले प्रस्तर युग और कांस्य युग थे. यही कारण था कि जहाँ शुरुआती धार्मिक अनुष्ठानों में लोहे के प्रयोग को वर्जित माना जाता था वही... Read more
खटीमा में हुए एक पुराने पुलिस एनकाउंटर की कहानी
[उत्तराखण्ड के जनपद उधमसिंहनगर में साल 2009 में घटे एक लाइव एनकाउंटर की यह कथा हमारे सहयोगी अमित श्रीवास्तव ने बयान की है. इन दिनों जब पुलिस एनकाउंटर की पूरी प्रक्रिया कई तरह के प्रश्नों के... Read more
आमा की दुआ है कि ऐसा साल फिर कभी न आये
“ईजा यौ साल कभैं नी आण चैं,” आमा के मुह से एक दर्द भरे लहजे में यह बात निकली. मैं जब आज बैंक गया था तब आमा मुझे वही मिली. आमा ने जिस स्नेह से मुझसे बात करी उसे मैं लफ़्ज़ों में ब... Read more
पहाड़ियों के गोठ में रहने वाले जानवरों को होने वाले रोग और सयानों के बताये ईलाज
पहाड़ में हर घर गोठ में जानवर हो और उनकी देखभाल में कोई कोर कसर रह जाए तो घर की बूड़ि बाडियों को फड़फड़ेट हो जाती है. ब्वारियों की शामत आ जाने वाली हुई और पशुओं की सार संभार में चेलियों की स... Read more
उत्तराखण्ड के कई लोगों ने फिल्म, टेलीविजन और फैशन इंडस्ट्री में मुकाम हासिल किया है. देश की सीमाओं से बाहर भी उत्तराखण्ड की महिलाओं ने अपनी खूबसूरती का जादू बिखेरा है. इसी कड़ी में नया नाम ह... Read more
आकाशवाणी के कार्यक्रम उत्तरायण को पहाड़ियों की सांस्कृतिक धड़कन बनाने वाले बंसीधर पाठक ‘जिज्ञासु’ : पुण्यतिथि विशेष
कोई 30-31 वर्ष तक आकाशवाणी के शॉर्ट वेव 61.48 यानी 4480 किलोहर्ट्ज पर रोज शाम सुदूर पर्वतीय अंचल (उत्तराखण्ड) के श्रोता ठीक शाम 5.45 बजे सुनते थे दो सुपरिचित आवाजें –उत्तरायण का श्रोता... Read more
उत्तराखंड का एक छोटा सा जिला है बागेश्वर. यहां के कांडा तहसील में स्वास्थ्य केन्द्र में तैनात रही डॉक्टर समीउन्नेसा को लोग उनके समर्पण को गाहे-बगाहे हर हमेशा याद करते रहते हैं. उनके समर्पण भ... Read more
हर मौसम इस पहाड़ी राज्य के लिए अलग तरह की बुरी खबरें लेकर आता है. मानसून की पहली बारिश ने पहाड़ी कस्बे अल्मोड़ा का प्रतीक बन चुके बोगनविलिया के पेड़ को ध्वस्त कर दिया. (Almora Mll Road Bouga... Read more
न जाने पहाड़ के कितने परिवारों की हकीकत है क्षितिज शर्मा की कहानी झोल खाई बल्ली
सर्दी ने थोड़ी राहत दे दी थी. चार दिन से रुक-रुककर बर्फ गिरने के बाद आज कुछ देर को धूप निकल आई थी. एकदम मरियल, पीली-पीली. उसमें हल्की-सी तपन तो थी, पर बर्फ पिघलाने की ताकत बिलकुल नहीं थी.(Jh... Read more
कोरोना संकट के दौरान गांव की ओर लौटने वाले युवाओं की संख्या बढ़ी है. गाँवों में इन दिनों भरा-पूरा माहौल दिखाई दे रहा है. पलायन के कारण दुर्दिन देख रहे गांव में अपने लोगों की यह हरियाली कब तक... Read more