पिछली कड़ी : छिपलाकोट अन्तर्यात्रा : जिंदगानी के सफर में हम भी तेरे हमसफ़र हैं भटियाखान के इस तप्पड़ से आगे छिपला की ओर जाते जूता चप्पल सब उतर जाता है. सारी चढ़ाई नंगे पाँव. यहां ढाल वाले चपट... Read more
कई बार उन्हें केवल हंसाने वाला कवि मान लिया जाता रहा है पर शेरदा की कविता में गहरा जीवनदर्शन है. मिसाल के तौर पर उनकी एक मशहूर कृति ‘बुड़ी अकावौ प्रेम’ यानी ‘घोर बुढ़ापे की... Read more
मासी का सोमनाथ मेला
उत्तराखण्ड में लगने वाले मेले यहाँ के लोगों को अपनी सांस्कृतिक विरासत से जोड़ कर रखते हैं. इन मेलों में पहाड़ के लोगों का अपनी परंपरा के प्रति उत्साह और समर्पण देखने को मिलता है. कुमाऊँ के अ... Read more
अस्कोट-आराकोट यात्रा 25 मई से
यात्रा प्रारम्भ – 25 मई, 2024, 11 बजे सुबह, पांगूयात्रा समाप्ति – 8 जुलाई, 2024, आराकोट आगामी 25 मई 2024 से आरंभ होने वाला अस्कोट-आराकोट अभियान छठी यात्रा है. यह अभियान का पचासवां साल भी है.... Read more
माँ का सिलबट्टे से प्रेम
स्त्री अपने घर के वृत्त में ही परिवर्तन के चाक पर घूमती रहती है. वह भी बदलते समय के साथ-साथ ही अपने घर के परिदृश्य को भी विकास के नवीनतम रुप में परिवर्तित करती रहती है. देखा जाये तो यही उसक... Read more
‘राजुला मालूशाही’ ख्वाबों में बनी एक प्रेम कहानी
कोक स्टूडियो में, कमला देवी, नेहा कक्कड़ और नितेश बिष्ट (हुड़का) की बंदगी में कुमाऊं की ऐतिहासिक प्रेम कथा “राजुला मालूशाही” की पृष्ठभूमि में गया गाना, जो लवराज द्वारा लिखा गया ह... Read more
भूत की चुटिया हाथ
लोगों के नौनिहाल स्कूल पढ़ने जाते और गब्दू गुएरों (ग्वालों) के साथ गुच्छी खेलने सामने के चरागाह पर जाता. लोगों के बच्चों ने सीखा पढ़ना लिखना. गब्दू ने सीखा गाड़ (छोटी नदी) की गडियाल (मछली) म... Read more
यूट्यूब में ट्रेंड हो रहा है कुमाऊनी गाना
यूट्यूब के ट्रेंडिंग चार्ट में एक गीत ट्रेंड हो रहा है सोनचड़ी. बागेश्वर की कमला देवी, नैनीताल के दिग्विजय और ऋषिकेश में जन्मी नेहा कक्कड़ की आवाज में यह गीत दुनिया भर में खूब पंसद किया जा र... Read more
पहाड़ों में मत्स्य आखेट
गर्मियों का सीजन शुरू होते ही पहाड़ के गाड़-गधेरों में मछुआरें अक्सर दिखने शुरू हो जाते हैं. यद्यपि वे पेशेवर मछुआरे नहीं होते बल्कि शौकिया तथा शाम की सब्जी के जुगाड़ में मछली पकड़ने की तरह-... Read more
पिछली कड़ी : छिपलाकोट अन्तर्यात्रा : दिशाएं देखो रंग भरी, चमक भरी उमंग भरी हम अब उस तिकोने से पहाड़ के शीर्ष पर हैं जिसके तीन ओर इससे भी ऊँची पर्वत श्रेणियाँ हैं. इन्हीं में समाहित है छिपला क... Read more