कॉलम

किसी को तो रहना है : सब कुछ बयां कर दिया है पलायन से जुड़ी इस कहानी ने

जिस वक्त हम गाँव पहुँचे, धूप चोटियों पर फैलने के बाद उतरते-उतरते पहाड़ियों के खोलों में बैठने लगी थी. हवा…

4 years ago

सिकंदर की तृष्णा और दार्शनिक फकीर डायोजनीज

सिकंदर यानी अलेक्जेंडर तृतीय के बारे में तो हम सबने सुना ही है कि वह मेसीडोनिया यानी मकदूनिया, जो कि…

4 years ago

‘साह’ जाति-नाम पर कुछ नोट्स

राजीव लोचन साह की ओर शायद मैं आकर्षित नहीं होता अगर वह उसी सरनेम वाला नहीं होता, जो मेरी बुआ…

4 years ago

बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता था उत्तराखंड में गंगा दशहरा का त्यौहार

भारतीय संस्कृति में नदियों को सर्वोच्च सत्ता के रुप में आसीन करने और उसे देवत्व स्वरुप प्रदान करने की अलौकिक…

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कल है गंगा दशहरा

ज्येष्ठ शुक्ल की  दशमी  स्कंदपुराण में  गंगावतरण की  तिथि कही गयी जिसे गंगा दशहरा के रूप में मनाया जाता है. ऋग्वेद…

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अल्मोड़े के आनसिंह जिन्होंने संस्कृत में कर्मकाण्ड की शुद्ध पुस्तकें छपवाकर उत्तराखंड के दुर्गम स्थानों तक पहुंचाई

'आज इना तक सरकूँगा, कल भिन्हार तक, परसों सिलोर महादेव. अगले दिन भवड़ा, फिर रानीखेत. आठवें दिन अल्मोड़ा पहुँच पाऊँगा.'…

4 years ago

अपनी समृद्ध कुमाऊनी बोलने में शर्म क्यों आती है

“और डियर तू तो इंग्लैण्ड जाणी वाल छै बल” - इस ज़रा से कुमाऊनी वाक्य के विन्यास में सबसे ज़रूरी…

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द्वितीय विश्व युद्ध में अल्मोड़ा के किशनराम के साहस का अजब किस्सा

रणनीति के अनुसार, हमारा बिग्रेड उत्तरी पहाड़ियों पर हमला करके, जहाँ इटली की सेना थी, पीछे से जाकर मौनेस्ट्री हिल…

4 years ago

आमा के हाथ वाले लिटुवा के स्वाद की अब दुआ ही की जा सकती है

आजकल आत्मनिर्भरता का शोर बहुत है लेकिन जब तक आमा थी यह शोर नहीं था. इसके बावजूद न सिर्फ आमा…

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उत्तराखंड की चंद्रप्रभा ऐतवाल ने अड़सठ साल की उम्र में फतह किया 6133 मीटर ऊँचा श्रीकंठ शिखर

हौंसले अगर बुलन्द हैं और लक्ष्य सामने हो तो किसी भी कार्य को करने में उम्र कहीं आड़े नहीं आती.…

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