छिपलाकोट अन्तर्यात्रा : जमीं चल रही, आसमां चल रहा
पिछली कड़ी : छिपलाकोट अन्तर्यात्रा : कुछ सुस्त कदम रस्ते कुछ तेज कदम राहें सोम रोहिणी को सोर घाटी दिखाई. भाटकोट की सड़क से पंच चूली के दर्शन. पूरे शहर की परिक्रमा. दशहरे के दिन थे. काफी छुट्ट... Read more
पिछली कड़ी – छिपलाकोट अन्तर्यात्रा : तुम पुकार लो तुम्हारा इंतज़ार है वासू और रोहिणी, विदेशी यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र की उच्चतर डिग्री लिए अब भारत की रिजनल डिस्पैरिटी की बड़ी सरकारी... Read more
वन संरक्षण अधिनियम में संशोधन को चुनौती
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree जंगलों को बनाए बचाए रखने वाले नियम कानूनों में बहुत जल्दबाजी और अफरा-तफरी से बदलाव कर दिए जाते रहे. इनके पीछे वृद्धि और विक... Read more
कुमाऊँ में शक्ति पूजा
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree हिमालय प्राकृतिक सौंदर्य व अद्भुत जैव विविधता से परिपूर्ण है. इसी कारण इसे अनजा-अजा की भूमि कहा जाता कहा है. शक्ति के स्वरू... Read more
चम्पावत बालेश्वर मंदिर का अनूठा शिल्प
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree अलंकृत स्तम्भ युक्त हैं बालेश्वर, सहस्त्र शिव लिंगों से आवेष्टिथ स्वरूप में उनका दर्शन होता है तो नागपाश युक्त कालियावर्धन ... Read more
मध्य हिमालय के जैविक उत्पाद
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree जैव विविधता से समृद्ध हिमालय जीव-जंतुओं और वनस्पति से संपन्न है. हिमालय में पाई जाने वाली दस हजार से अधिक प्रजातियां स... Read more
दारुका वने ज्योतिर्लिङ्ग का मूल जागेश्वर सिद्धपीठ
शिव शक्ति ज्योतिर्लिङ्ग एवम शक्ति पीठ पुष्टिदेवी के स्वरूप में त्रिनेत्र वमन सुयाल से ले कर जटेश्वर द्योली बगड़ तक विस्तृत माँ गौरी “यागेश” नामक देवदारु वन में स्थित यह स्थली जाग... Read more
पहाड़ में मनाई जाती है जन्यो पून्यूं
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree पहाड़ में श्रावण शुक्ल की पूर्णिमा ‘उपकर्म’ व ‘रक्षासूत्र’ बंधन का पर्व व त्यौहार है. द्विज वर्ग उपवास रखते हैं और स्थानीय... Read more
पिछली कड़ी – छिपलाकोट अन्तर्यात्रा : नैन बिछाए बाहें पसारे तुझको पुकारे देश तेरा हाथ में थामे कैमरा उस विहंगम दृश्यावली को मैंने खींच लिया जिसमें पंचचूली की पांच चोटियां दमक रहीं थीं. न... Read more
कल है हमारा लोकपर्व घ्यूं त्यार
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree कुमाऊं में भादों मास की संक्रांति घ्यूँ त्यार मनाया जाता है. इसे ‘ओलकिया’ या ‘ओलगी’ संक्रान्त भी कहते हैं. इस दिन घी खाने क... Read more