गंगोत्तरी हिमनद में गोमुख से निकलती है भागीरथी. यह हिंवल, नयार, पिंडर, नंदाकिनी व धौली के साथ अलकनंदा की प्रमुख सहायक है. भागीरथी नदी की मुख्य सहायक सरिता जाह्नवी, जलकुर एवं भिलंगना हैं. जा... Read more
लोहाघाट का मडुवा और थल-मुवानी का लाल चावल : सब मिलने वाला हुआ भगत जी की चक्की में
नैनीताल रोड में एम. बी. कॉलेज के दाएं दुर्गा सिटी सेंटर से आगे जगदम्बा मंदिर में आप अक्सर हाथ जोड़ते होंगे. अब आगे बढ़ फिर सीधे हाथ जाते रहिए. एक तरफ नहर कवरिंग तो बाएं हाथ छोटी मंझली कई कई... Read more
गरमपानी की बाज़ार और उसका ब्रांडेड रायता
राई को लाल खुस्याणी, पहाड़ी हल्द-धनिये के बीजों के साथ सिलबट्टे में खूब पीस लेते हैं. फिर कोर कर निचोड़ी हुई ककड़ी में मिला ठेकी में जमा हुआ दही मिला खूब फैंट कर बनता है गरमपानी का ब्रांडेड... Read more
निर्धनता पर नोबल पुरस्कार
दुनिया में गरीबी है. सत्तर करोड़ लोग ऐसे हैं जिन्हें पेट भर भोजन आज भी नहीं मिलता. कंगाली उनका पीछा करती है. बदहाली उन्हें जीने नहीं देती. भूख उनकी सांसों में है, बीमारी तन में. मुफलिसी तंग... Read more
पिछले पांच सौ सालों में विज्ञान और तकनीक ने दुनिया का चेहरा ही बदल कर रख दिया. खोज आविष्कार व नवप्रवर्तन से प्रकृतिदत्त संसाधनों का विदोहन हुआ. उत्पादन बेहिसाब बढ़ा. उसी के साथ आय, उपभोग, ब... Read more
हे महादेवी ! तुम कौन हो
हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें: Kafal Tree Online जीवन भर उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के कुल महाविद्यालयों में अर्थशास्त्र की प्राध्यापकी करते रहे प्रोफेसर मृगेश पाण्डे फिलहाल सेवानिवृत्ति... Read more
महामाया के शक्तिपीठ
महामाया आदिशक्ति की जाग्रत शक्तियों वाले स्थान सिद्धि शक्ति पीठ कहे जाते हैं. यज्ञ में अपने पति शिव को निमंत्रित न करने के अपमान से आहत हो दक्ष प्रजापति की पुत्री सती यज्ञ की धधकत... Read more
पितरों पुरखों के साथ आने वाले कल का इतिहास
हरारी की किताब सेपियन्स और होमोडियस डॉ युवल नोह हरारी ने ऑक्सफ़ोर्ड विश्वविद्यालय से इतिहास में शोध उपाधि प्राप्त की है. अब येरुशलम की हिब्रू यूनिवर्सिटी में लेक्चरर हैं. दुनिया के इतिहास पे... Read more
पितृ पक्ष में हरि की पौड़ी हरिद्वार
हरिद्वार नाम का उल्लेख पद्म पुराण में है. इसके ‘उत्तर -खंड’ में गंगावतरण की कथा है. महाभारत के ‘वन-पर्व ‘ में नारद मुनि ‘भीष्म-पुलस्त्य संवाद’ से युधिष्ठि... Read more
चुस्त-दुरुस्त सर फर. अभी यहाँ से कुछ पौंधे सारे हैं. तो अब तेज हो गई सतझड़ से वो सारे गमले उठाने में जुट जाना है. सबमें जान ठहरी. इतने द्वौ बारिश आंधी कुहरे में तो गल जायेंगे. वो नीम की खाद... Read more