बहुत कठिन है डगर पनघट की
पिछली कड़ी : साधो ! देखो ये जग बौराना इस बीच मेरे भी ट्रांसफर होते रहे जहाँ भेजा चला गया और फिर एम बी कॉलेज हल्द्वानी. भय ये भी था कि डिग्री प्राचार्य में आना है. भले ही अनुवांशिकता में बाबूग... Read more
साधो ! देखो ये जग बौराना
पिछली कड़ी : उसके इशारे मुझको यहां ले आये मोहन निवास में अपने कागजातों के ढेर से जूझते मेरे गुरु जैसे उन लहरों को चीर उस टापू की तलाश करने में लगे थे जहां इतिहास के पन्नों ने एक नई इबारत लिखे... Read more
उसके इशारे मुझको यहां ले आये
पिछली कड़ी : मैं जहां-जहां चलूंगा तेरा साया साथ होगा पहले दिन उनका पहला पीरियड खत्म हुआ तभी से ये कुछ अजीब सी उथल पुथल हुई थी कि द्वन्द नाम का शब्द अर्थ देने लगा. कुछ उथल पुथल कर गया. त्रिपाठ... Read more
मैं जहां-जहां चलूंगा तेरा साया साथ होगा
चाणक्य! डीएसबी राजकीय स्नात्तकोत्तर महाविद्यालय नैनीताल. तल्ली ताल से फांसी गधेरे की चढ़ाई चढ़, चार मोड़ पार ऊँचे में बना भवन जो नामी गिरामी वैज्ञानिक और प्राचार्य डॉ देवी दत्त पंत का आवास ह... Read more
भू विधान व मूल निवास की लहर
मूल निवास व भू-कानून समन्वय संघर्ष समिति की ऋषिकेश में संपन्न महारैली से उत्तराखंड आंदोलन के समय उपजे जोश की स्मृतियां जीवंत हो गयीं. प्रदेश के मूल निवासियों के हक-हुकूक की बुलंद आवाज प्रतिध... Read more
प्रकृति व महामाया का पर्व नवरात्रि
प्रकृति शब्द में तीन अक्षर हैं जिनमें ‘प्र’ अक्षर पहले से आकर्षित प्राकृष्ट सत्वगुण, ‘कृ’ अक्षर रजोगुण एवं ‘ति’ तमोगुण का प्रतीक है. इन तीनों अक्षरों से म... Read more
ब्रह्माण्ड एवं विज्ञान : गिरीश चंद्र जोशी
ब्रह्माण्ड अनेक रहस्यों से भरा है. इनके बारे में जानने के लिए उत्सुकता लगातार बनी रही है. आदि काल से ही मानव ने आकाश में सूर्य, चंद्र व तारों को देखा. इनकी गतियों का निरीक्षण किया. धीरे-धीर... Read more
शो मस्ट गो ऑन
मुझ जैसा आदमी… जिसके पास करने को कुछ नहीं है… जो बिलकुल अकेला हो और उससे बढ़ कर बूढ़ा हो… वह क्या करे? अकेला बैठा बैठा. क्या याद करे अपनी जिंदगी के बीते पल को? कैदी बन गया हूँ अप... Read more
छिपलाकोट अंतरयात्रा : चल उड़ जा रे पंछी
पिछली कड़ी : छिपलाकोट अंतरयात्रा : वो भूली दास्तां, लो फिर याद आ गई सुबह हो गई है. मौसम बिलकुल साफ है. सब लोग उठ गये हैँ. कोने में नाक पर उंगलियां हटाते दबाते भगवती बाबू सांस ऊपर नीचे कर प्रा... Read more
पहाड़ में खेती किसानी के साथ पशु पालन होता आया. अनाज, फल फूल और सब्जी के साथ गाय बैल, भैंस बकरी और सीमांत इलाकों में भेड़, याक व अन्य पशु दूध दही, मक्खन, व घी के साथ उपज के लिए समुचित खाद प्... Read more