ललित मोहन रयाल का नया उपन्यास ‘चाकरी चतुरंग’
व्यावहारिक- सामाजिक सन्दर्भों में ‘व्यवस्था’ का दृश्य-अदृश्य जितना व्यापक प्रभाव है साहित्यिक-सामाजिक विमर्श में ये उतना ही सामान्यीकृत पद है. इसे लेकर विवेचन के सन्दर्भ बहुत संक... Read more
वकील साहब आज भी कोई दलील नहीं सुनते!
‘आज फिर उधार करना पड़ा बेटा’… उनकी आवाज़ में कुछ बूँदें थीं. फोन पर एक घरघराहट थी जो निस्संदेह फोन की नहीं थी.वकील साहब फोन पर कम ही बात करते थे. (Story by Amit Srivastava)... Read more
माँ का जादुई बक्सा
हलवाई पांचवीं बार अपना हिसाब करने आया था. (Mother’s Magic Box) —’तुम्हारा कितना हुआ भाई’ पापा पांचवीं बार उससे पूछ रहे थे. सोचते थे शायद इस बार कुछ कम बता दे. अंदर आकर अपना... Read more
कहानी : बयान इक़बालिया
‘इसे क्या हुआ है इतना गुमसुम क्यों है’ चौकी इंचार्ज साहब ने दस मिनट बाद ही पूछ लिया. (Bayan Iqbaliya) ‘सर जबसे चीला बैराज से लौटा है… दो घण्टे से ऐसे ही बैठा है.... Read more
कोई ज़िंदा है…? इन तीन शब्दों का नाद बहुत देर तक ज़ेहन में होता है… होना चाहिए भी क्योंकि ये तीन शब्द आपके ज़िंदा होने की तस्दीक के लिए ही कहे गए हैं. ओ टी टी के इस रहस्य–र... Read more
बहुत कुछ घुमड़ रहा था उसकी आँखों में
बहुत कुछ घुमड़ रहा था उसकी आँखों में. आँखों में देखकर बातें नहीं कर रहा था वो. सामने मेज पर पर एल आई सी का टेबल कैलेण्डर था. उसकी तरफ शायद जून था. जून का एक चित्र था. चित्र में एक परिवार था.... Read more
कहानी : कोतवाल का हुक्का
आज सुबह तीन पानी के पास उस फ़कीर की लाश मिली थी. कुछ दिन से शहर में एक फ़कीर को देखा जा रहा था. फ़कीर क्या, लोग तो उसे पागल समझ रहे थे. वो तो उसने जब, यूं ही बेवजह आँखें नहीं झपकाईं, किसी की... Read more
जब `स्पानी फ़्लू’ की तीसरी लहर लौटकर आई
वो वापस आई! प्रथम विश्व युद्ध अपने साथ अमरीका के तिरपन हज़ार सैनिकों को ले गया था और उसकी मृत्यु–सहोदरा पिचहत्तर हज़ार सैनिक खींच ले गई! ग्यारहवें महीने के ग्यारहवें दिन के ग्यार... Read more
आज ‘ओलंपियन विवेक’ का चौसठवां जन्मदिन है
ओलंपिक खेलों के दौरान घर के सबसे छोटे बच्चे की नज़र से मैच, ख़ासकर हॉकी, देखना अजब गुदगुदा देने वाला अनुभव होता है. पापा. सबसे उत्सुक और उत्साह से लबरेज़ बच्चा. उन्हें हॉकी मैच देखते देखना द... Read more
अलविदा दिलीप कुमार
हमारे बचपने में अमिताच्चन ने अपनी एंग्री यंग मैन वाली गर्वीली गर्माहट से खासा बवाल काट रक्खा था. उसकी भारी आवाज़, एक हाथ को कमर पर टिका दूसरा टेढ़हुंस करके हांय–बांय बोलना यहां तक कि उसकी हर... Read more